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प्रोफेसर का घर बंद मिलने पर भड़का आक्रोश
मुजफ्फरपुर: पोस्टमार्टम कराने के बाद उसके परिजन व ग्रामीण अजीत का शव लेकर महिला प्रोफेसर के आवास पर पहुंचे. वहां घर का मेन ग्रिल बंद पाया तो आक्रोश बढ़ गया. ऑटो से शव को उतार उनके मेन गेट पर रख दिया. करीब एक घंटे तक हंगामा किया. सभी महिला प्रोफेसर पर हत्या कर शव को […]
मुजफ्फरपुर: पोस्टमार्टम कराने के बाद उसके परिजन व ग्रामीण अजीत का शव लेकर महिला प्रोफेसर के आवास पर पहुंचे. वहां घर का मेन ग्रिल बंद पाया तो आक्रोश बढ़ गया. ऑटो से शव को उतार उनके मेन गेट पर रख दिया. करीब एक घंटे तक हंगामा किया. सभी महिला प्रोफेसर पर हत्या कर शव को पंखे से लटकाने का आरोप लगा रहे थे. करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा करने के बाद भी कोई नहीं पहुंचा, तो लोगों ने सिद्धार्थपुरम मुहल्ले के गेट को जाम कर दिया.
डेढ़ घंटे लेट पहुंची पुलिस तो बिगड़ा माहौल
शव के साथ प्रदर्शन करने की सूचना मिलने के बाद भी डेढ़ घंटे लेट सदर थाने की पुलिस पहुंची. तब- तक माहौल बिगड़ चुका था. भीड़ में शामिल स्थानीय उपद्रवियों के उकसावे में आकर मृतक के परिजन पुलिस की कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं थे.
पोस्टमार्टम के लिए शव उठाने पर सवाल
प्रदर्शन कर रही महिलाएं पुलिस पर महिला प्रोफेसर से मिलकर साजिश के तहत परिजन के पहुंचने से पहले शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का आरोप लगा रही थी. सदर थानेदार मो. सुजाउद्दीन सभी को समझाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन कोई समझने को तैयार नहीं था.
शव उठा लेने से गरीब को इंसाफ मिलेगा सर : सर, गरीब का बच्चा मरा है. अमीर को इससे क्या मतलब. मुझे मैडम ने सुबह में सूचना भिजवाया कि आपका बेटा बीमार है, आप जल्दी आइये. सूचना मिलने के बाद अपने ग्रामीणों के साथ सुबह दस बजे पहुंचे तो मैडम ने अपने घर से धक्का देकर भगा दिया. बोली कि तुम्हारे बेटे ने आत्महत्या कर ली है. जाओ मेडिकल से शव ले लो. सर, आप कहते तो शव उठा लेता हूं. क्या इससे मुझे इंसाफ मिलेगा. ये बातें मृतक अजीत कुमार के पिता हरिहर महतो ने सदर थानेदार मो. सुजाउद्दीन से कही.
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