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मजदूरों का पंजीयन नहीं, तो रद्द होंगे लाइसेंस

मुजफ्फरपुर : संगठित व गैर संगठित क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. बावजूद मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसका कारण उनका निबंधन नहीं होना है. राज्य सरकार मजदूरों के निबंधन के लिए विशेष अभियान चला रही है. फिलहाल यह […]

मुजफ्फरपुर : संगठित व गैर संगठित क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. बावजूद मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसका कारण उनका निबंधन नहीं होना है. राज्य सरकार मजदूरों के निबंधन के लिए विशेष अभियान चला रही है. फिलहाल यह सात जिलों में चल रहा है.

उनमें से एक मुजफ्फरपुर भी है. यह बातें श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कही. वह शनिवार को विभाग की समीक्षा करने शहर आये थे.

मंत्री ने कलेक्ट्रेट सभागार में मुजफ्फरपुर सहित तिरहुत प्रमंडल के छह जिलों
मजदूरों का पंजीयन
के श्रम अधीक्षकों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्हें निर्देश दिया कि वे शत-प्रतिशत मजदूरों का निबंधन सुनिश्चित कराएं. फिलहाल सरकार का मुख्य फोकस निर्माण क्षेत्र से जुड़े मजदूरों का निबंधन है. मंत्री ने कहा कि मजदूरों का पंजीयन कराना संवेदकों की जिम्मेदारी है. यदि कोई संवेदक बिना पंजीयन के किसी मजदूर से काम कराता है,
तो संवेदक का लाइसेंस रद्द किया जायेगा. फिलहाल शहरी क्षेत्र में मजदूरों के पंजीयन की प्रक्रिया जारी है. यह 22 नवंबर तक चलेगा. मंत्री ने घोषणा की कि 23 नवंबर से ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतवार मजदूरों का पंजीयन कराया जायेगा. पंजीयन फॉर्म निबंधन कार्यालय से भी प्राप्त किया जा सकता है. इसके लिए 50 रुपये शुल्क निर्धारित है. निबंधन के लिए पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड व बैंक खाते का विवरण देना जरूरी है. बैठक में डीएम धर्मेंद्र सिंह भी मौजूद थे.
निबंधित मजदूरों को यह मिलता है लाभ
निबंधन के तीन साल बाद मजदूरों को सरकार की ओर से कई लाभ दिये जाते हैं. मसलन साइकिल के लिए चार हजार रुपये, आवास के लिए 20 हजार रुपये, बेटी की शादी के लिए 50 हजार रुपये, सामान्य मृत्यु पर एक लाख रुपये व दुर्घटना में मृत्यु पर चार लाख रुपये. यह राशि सहायता राशि के रूप में दी जाती है. इसके अलावा यदि मजदूर के बेटे या बेटी का चयन मेडिकल या इंजीनियरिंग कॉलेज में होता है, तो उसकी पढ़ाई का खर्च भी सरकार उठाती है. इसके लिए सभी सरकारी योजनाओं में एक प्रतिशत राशि शेष के रूप में ली जाती है.
संवेदकों पर िशकंजा
प्रमंडलीय समीक्षा बैठक में श्रम संसाधन मंत्री ने की घोषणा
श्रम अधीक्षकों को टास्क, बिना निबंधन के एक भी मजदूर न हों

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