मुजफ्फरपुरः नवजात शिशुओं की मृत्यु दर कम करने के लिए रविवार को क्लब रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स वर्कशॉप किया गया. इंडियन पेडियाट्रिक्स एकेडमी की ओर से चलाये जा रहे कार्यक्रम के नेशनल ट्रेनर डॉ अरुण शाह ने सूबे के 37 डॉॅक्टरों को प्रशिक्षित किया. इससे पूर्व वर्कशॉप का उद्घाटन सिविल सजर्न डॉ ज्ञान भूषण ने किया.
उन्होंने आइएपी के कार्यक्रम की सराहना की. नेशनल ट्रेनर डॉ शाह ने कहा कि देश में जन्म के 28 दिन के अंदर 10 लाख शिशु दम तोड़ देते हैं. जन्म के पांच वर्ष के अंदर 21 लाख बच्चों की मृत्यु हो जाती है. जन्म के बाद बच्च नहीं रोया तो एक मिनट का समय ही गोल्डेन मिनट माना जाता है. इस दौरान शिशु की चिकित्सा की जाये तो वह बच जाता है.
उन्होंने बैग एंड मास्क वेंटीलेशन के जरिये शिशुओं को बचाने के तरीकों को बताया. इस मौके पर पटना से आये वरीय डॉक्टर निगम प्रकाश व एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ ब्रजमोहन ने भी नवजात की मृत्यु दर कम करेन के लिए एक मिनट का समय अहम बताया. दोनों डॉक्टरों का कहना था कि जन्म के बाद नवजात नहीं रोया तो गोल्डेन टाइम का उपयोग बहुत जरूरी होता है. वर्कशॉप में 38 डॉक्टर ट्रेनर बनाये गये.