मुजफ्फरपुर: मध्याह्न भोजन योजना में विभागीय स्तर पर बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. योजना की मॉनीटरिंग के लिए जिले के सभी प्रखंडों में तैनात प्रखंड साधनसेवियों (बीआरपी) का सेवा विस्तार पिछले चार साल से नहीं हुआ है. इसके बाद भी उन्हें हर महीने नियमित रूप से मानदेय का भुगतान किया जा रहा है. योजना के तहत प्रखंड स्तर पर बीआरपी का चयन संविदा पर किया जाता है.
इनके जिम्मे योजना की मॉनीटरिंग के साथ ही रिपोर्टिंग का काम भी होता है. विभागीय नियम के अनुसार हर साल सेवा विस्तार करना है, लेकिन जिले में चार साल से यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी.
इसके लिए बीआरपी ने कभी अधिकारियों पर दबाव भी नहीं बनाया, क्योंकि नियमित रूप से मानदेय का भुगतान होता रहा. अधिकारियों की ओर से भी कभी रिन्यूवल के लिए पहल नहीं की गयी अौर अनियमित तरीके से मानदेय का भुगतान किया जाता रहा. डीईओ ललन प्रसाद सिंह ने बताया कि एमडीएम के बीआरपी की सेवा चार साल पहले ही खत्म हो चुकी है, लेकिन अभी भी उनसे काम लिया जाता है और नियमित मानदेय का भी भुगतान किया जा रहा है. यह वित्तीय अनियमितता है. सेवा विस्तार के लिए बीआरपी के मानदेय पर रोक लगी थी, लेकिन त्योहारों को देखते हुए भुगतान किया गया. इस संबंध में डीपीओ से रिपोर्ट मांगी गयी है.