मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में मरीज का इलाज कैसे होता है, इसकी एक झलक शनिवार को देखने को मिली. सड़क हादसे में घायल बोचहां का बंगाली सहनी सदर अस्पताल पहुंचा था. उसका पैर टूट गया था, लेकिन इलाज करनेवाला कोई नहीं था. परिजन घंटों इलाज के लिए इमरजेंसी का चक्कर काटते रहे, लेकिन डॉक्टर नदारद थे. परिजनों ने जब डीएस एनके चौधरी से इसकी शिकायत की, तब मरीज का इलाज शुरू हुआ.
Advertisement
कराहता रहा मरीज, गायब रहे डॉक्टर
मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में मरीज का इलाज कैसे होता है, इसकी एक झलक शनिवार को देखने को मिली. सड़क हादसे में घायल बोचहां का बंगाली सहनी सदर अस्पताल पहुंचा था. उसका पैर टूट गया था, लेकिन इलाज करनेवाला कोई नहीं था. परिजन घंटों इलाज के लिए इमरजेंसी का चक्कर काटते रहे, लेकिन डॉक्टर नदारद […]
लेकिन उसके टूटे पैर का एक्सरे इसलिए नहीं हो पाया कि वह बंद पड़ा था. परिजनों ने बाहर से एक्सरे कराया, तब पैर का प्लास्टर हो सका.
परिजनों ने बताया कि बंगाली को सबसे पहले इमरजेंसी में ले गये, लेकिन वहां मौजूद अस्पतालकर्मी ने उन्हें यह कह कर बाहर निकाल दिया कि ओपीडी में इलाज होगा. इसके बाद परिजन मरीज को लेकर ओपीडी गये. लेकिन यहां कहा गया कि सड़क दुर्घटना का मामला है, इसलिए इमरजेंसी में इलाज होगा. इस बीच बंगाली सहनी ऑटो में दर्द से तड़पता रहा. बंगाली सहनी का पैर रूपौल चौक के समीप दुर्घटना में टूट गया था.
उपाधीक्षक एनके चौधरी ने बताया
कि दुर्घटना में जो घायल आते हैं, उनका इलाज इमरजेंसी में ही किया जाना है. अगर किसी अस्पतालकर्मी ने उसे ओपीडी भेज दिया है, तो उसकी जांच करायी जायेगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement