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खाते में राशि भेजने में बाधक बन रहा ”ओ”
पानापुर : बाढ़ राहत के लाभुकों को जल्द-से-जल्द मदद पहुंचे, इसको लेकर राज्य व केंद्र सरकार की पूरी मशीनरी लगी हुई है़ लेकिन बैंकों की मनमानी के कारण इस कार्य में अनावश्यक देरी हो रही है. कांटी प्रखंड के अंचलाधिकारी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी बैंकों के लौटायी सूची को देख परेशान हैं. बैंकों की ओर […]
पानापुर : बाढ़ राहत के लाभुकों को जल्द-से-जल्द मदद पहुंचे, इसको लेकर राज्य व केंद्र सरकार की पूरी मशीनरी लगी हुई है़ लेकिन बैंकों की मनमानी के कारण इस कार्य में अनावश्यक देरी हो रही है. कांटी प्रखंड के अंचलाधिकारी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी बैंकों के लौटायी सूची को देख परेशान हैं.
बैंकों की ओर से कई लाभुकों के खाते में राशि नहीं भेजने की जो वजह बतायी है, उसके निबटारे में उन्हें आवश्यक समय लग रहा है. कई लाभुकों के खाते में राशि नहीं भेजने की वजह आइएफएससी कोड गलत होना बताया गया है. कर्मचारी बताते हैं कि आइएफएससी कोड में जीरो की जगह ओ लिखा गया है, इस वजह से बैंक ने इसे रिजेक्ट कर दिया है. इस तरह की गलती बैंक खुद भी ठीक कर सकता है. अनावश्यक रूप से हमें परेशान किया जाता है. इधर, जनप्रतिनिधि अलग दबाव बनाये हुए हैं. दादर कोल्हुआ पंचायत के वार्ड तीन के लाभुक उमाशंकर झा, शिवचंद्र सहनी, लखींद्र सहनी के खाते का जो ब्योरा दिया गया, उसमें जीरो की जगह ओ लिखा गया, इस कारण उन्हें अब तक राशि नहीं भेजी जा सकती है. इनका खाता पहाड़पुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में है. बीओबी के शाखा प्रबंधक उदय प्रताप सिंह ने बताया कि बैंक टेक्निकल चीजों को खुद ठीक नहीं करता है. जीरो और ओ डालने पर कंप्यूटर में फर्क आता है. पांचवां अक्षर हमेशा जीरो होता है न कि ओ. इसे ठीक करके ही देना होगा.
बाढ़ का पानी उतरे लगभग एक महीने गुजर गये हैं. खाते में राशि आयी नहीं आयी, इसको लेकर वे बैंक का चक्कर लगाये फिर रहे हैं. बैंक उन्हें सीओ कार्यालय से जानकारी लेने काे लौटा दे रहा है.
बड़ा भारती पंचायत के मुखिया जगदीश साह ने बताया कि पानापुर (मीनापुर) पीड़ित सवाल करते हैं, उन्हें कब मिलेगी राशि. दादर कोल्हुआ पंचायत के मुखिया लखींद्र साह ने बताया कि लाभुकों को राशि नहीं मिलने से जनता के बीच आक्रोश है़ लोग सवाल करते हैं उनका नाम जुटा है या नहीं. कहीं आपने मेरा नाम हटवा तो नहीं दिया.
93 सौ बाढ़पीड़ितों की भेजी गयी है सूची: सीओ
सीओ दिलीप कुमार ने बताया कि अनुश्रवण समिति की ओर से 9850 लाभुकों का नाम प्रखंड में आया़ इनमें से जांचोपरांत 9300 लाभुकों का नाम एडवाइस बना कर बैंक के पास भेज दिया गया़ उनमें से भी अभी तक 169 लाभुकों का नाम बैंक की ओर से अस्वीकृत कर दिया गया है़ इनमें किसी का सीडी नहीं है, तो किसी का आइएफएससी कोड गलत बताया गया है. शेष 550 लाभुकों का खाता नहीं रहने के कारण एडवाइस अभी तक नहीं गया है़ बचे हुए लाभुकों को भी लाभ दिलाने का प्रयत्न किया जायेगा़ उनके संज्ञान में कुछ नाम ऐसे भी हैं, जो दुबारा लाभ ले लिये हैं. चिह्नित करके उनसे राशि वापस करायी जायेगी़
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