साथ ही जर्जर हो चुके हैंगर का भी निरीक्षण किया. टीम का मानना है कि हवाई अड्डे से 60 सीट तक वाले विमानों के उड़ने की संभावना है. इसके लिए वर्तमान रनवे की लंबाई 480 से 580 मीटर तक बढ़ानी होगी. वर्तमान रनवे की कुल लंबाई 1220 मीटर है. लेकिन, नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा नहीं चाहते हैं कि फिलहाल जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में फंस जाये. इससे हवाई सेवा शुरू होने में देरी हो सकती है. क्षेत्रीय संपर्क योजना या उड़ान योजना के तहत नौ, 19 या 40 सीट वाले विमानों की सेवा मुहैया कराने का प्रावधान है. ऐसे में मंत्री चाहते हैं कि यदि 60 सीट वाले विमान के उड़ान की सुविधा न हो, तो उससे कम सीट वाले विमान के लिए ही एस्टिमेट तैयार किया जाये. साथ ही उसमें भविष्य की संभावनाओं का भी जिक्र हो, ताकि बाद में जमीन अधिग्रहण कर इसकी क्षमता बढ़ायी जा सके.
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पताही हवाई अड्डे से उड़ान के लिए बनेंगे दो प्रस्ताव
मुजफ्फरपुर: पताही हवाई अड्डा से हवाई सेवा फिर शुरू करने के लिए दो तरह के प्रस्ताव तैयार होंगे. पहला वर्तमान सुविधा पर आधारित होगी, तो दूसरा भविष्य की संभावनाओं पर. मैनेजर सिविल सुभाष कुमार के नेतृत्व में ‘राइट्स’ की चार सदस्यीय टीम पिछले दो दिनों से शहर में जमी है. शनिवार को भी टीम ने […]
मुजफ्फरपुर: पताही हवाई अड्डा से हवाई सेवा फिर शुरू करने के लिए दो तरह के प्रस्ताव तैयार होंगे. पहला वर्तमान सुविधा पर आधारित होगी, तो दूसरा भविष्य की संभावनाओं पर. मैनेजर सिविल सुभाष कुमार के नेतृत्व में ‘राइट्स’ की चार सदस्यीय टीम पिछले दो दिनों से शहर में जमी है. शनिवार को भी टीम ने रनवे के दोनों तरफ (पूर्वी व पश्चिमी भाग) जमीन की मापी की.
बिना अतिरिक्त जमीन के नहीं बढ़ सकती रनवे की लंबाई
पताही हवाई अड्डे से बड़े विमान के उड़ान के लिए रनवे की लंबाई 1220 मीटर से बढ़ा कर करीब 1800 मीटर तक करनी पड़ सकती है. शुक्रवार व शनिवार को निरीक्षण के क्रम में राइट्स की टीम ने रनवे के पूर्वी व पश्चिमी छोर के खाली जमीन की लंबाई भी मापी. पूर्वी छोर पर खाली जमीन की कुल लंबाई 100 मीटर तो पश्चिमी छोर पर 135 मीटर है. उसके बाद बाउंड्री वाल है, जिसकी ऊंचाई करीब आठ फुट है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से इसकी ऊंचाई 12 फुट या उससे ज्यादा करनी पड़ेगी. ऐसे में यदि वर्तमान उपलब्ध जमीन के आधार पर रनवे की लंबाई बढ़ा भी दी जाये, तो बाउंड्री वाल के कारण उसे हिस्से का विमानों की लैंडिंग व टेकऑफ के लिए उपयोग नामुमकिन होगा.
उपलब्ध जमीन में रनवे की लंबाई नहीं बढ़ायी जा सकती है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण की जरूरत पड़ेगी. अभी जो रनवे है, उसकी लंबाई 1220 मीटर है. एएआइ की गाइडलाइन देखने के बाद तय किया जायेगा कि यहां से कितनी सीट वाली विमान उड़ सकती है. उम्मीद है कि दस दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंप देंगे.
– सुभाष कुमार, मैनेजर सिविल, राइट्स
बड़े विमानों के लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत होगी. छोटे विमानों के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं. इस संबंध में मंत्री जी (सुरेश शर्मा) से बात हुई है. वे चाहते हैं कि फिलहाल जमीन अधिग्रहण के फेर में न फंसा जाये. ऐसे में हम दो तरह के प्रस्ताव तैयार करेंगे. पहला, वर्तमान सुविधा पर आधारित होगा, तो दूसरा संभावनाओं पर. अगले सप्ताह तक सरकार को रिपोर्ट सौंप दी जायेगी.
– अरुण कुमार, चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर, राइट्स
दोबारा बनाना होगा हैंगर : टीम ने हवाई अड्डा के हैंगर का भी निरीक्षण किया. यह पूरी तरह से जर्जर हो गया है. टीम का मानना है कि इसकी मरम्मत कर इसे दुरुस्त नहीं किया जा सकता है. नये सिरे से इसका निर्माण करना पड़ेगा. हैंगर एयरपोर्ट का अहम अंग होता है. विमानों में मामूली तकनीकी गड़बड़ी होने पर उसे वहीं दुरुस्त किया जाता है.
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