मुजफ्फरपुर: एनआइए ने उत्तर बिहार के लगभग दो दर्जन संदिग्ध युवकों की तलाश तेज कर दी है. ये युवक कई वर्षो से पढ़ाई के नाम पर अपने घर-परिवार से दूर हैं. आतंकी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता उजागर होने के बाद वे लापता बताये जा रहे हैं.
एनआइए की टीम ने शनिवार को मुजफ्फरपुर के कटरा में कुछ संदिग्धों के परिजनों से घंटों पूछताछ की. इस पूछताछ में उन्हें क्या सुराग मिले, इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है. विगत गुरुवार को भी एनआइए की टीम ने दरभंगा के बाढ़ समैला गांव में एक संदिग्ध युवक अब्दुल मिकात अफजल की तलाश में उसके पिता से घंटों पूछताछ की थी.
एनआइए सूत्रों ने बताया कि दरभंगा, समस्तीपुर व मधुबनी समेत कुछ अन्य जिलों के दो दर्जन युवक तीन-चार वर्षो से लापता बताये जा रहे हैं. ये युवक पढ़ाई करने कर्नाटक के विभिन्न कॉलेजों में गये थे. जब इन युवकों के बारे में उनके परिजनों से पूछताछ की गयी, तो वे भी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं मिले. सूत्र बताते हैं कि इनमें से अधिकतर युवक आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के प्रमुख यासिन भटकल और समस्तीपुर के रहनेवाले तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के संपर्क में रहे हैं और अब भी इंडियन मुजाहिद्दीन की गतिविधियों में शामिल हैं.
गुरुवार को एनआइए के टीम ने बाढ़ समैला गांव के रहनेवाले अब्दुल मिकात अफजल के पिता से घंटों पूछताछ की थी. उसी कड़ी में शनिवार को मुजफ्फरपुर के कटरा में भी कुछ संदिग्धों के परिजनों से पूछताछ की है. एनआइए की टीम के साथ आइबी के भी कई अधिकारी शामिल हैं. सूत्रों की मानें, तो यासिन भटकल के दरभंगा में रहने के दौरान एक इत्र की दुकान पर नालंदा का अंजुम, दरभंगा के केवटी का रहनेवाला मो फसीह और अफजल की बैठकी लगती थी. लेकिन, यासिन के दरभंगा छोड़ने के बाद से ये सभी युवक लापता बताये जाते हैं. हालांकि, अफजल के शिक्षक पिता का कहना है कि उनका बेटा चार साल पहले कर्नाटक में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गया था, जो अब तक घर नहीं लौटा है.
उसके पिता का कहना है कि इस दौरान उससे टेलीफोन पर भी कोई बात नहीं हुई है. इसी तरह मुजफ्फरपुर के कटैया के भी दो युवक पिछले चार वर्षो से लापता बताये जा रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि अपनी गिरफ्तारी के बाद यासिन भटकल व तहसीन अख्तर ने भी कुछ युवकों के नाम बताये हैं. अब एनआइए की टीम उन युवकों की तलाश में जुटी हुई है.