मुजफ्फरपुर: मेगा लोक अदालत में 2790 मामलों का निबटारा हुआ. इस दौरान मुआवजे के रूप में दो करोड़ बयालीस लाख बासठ हजार आठ सौ सत्तर रुपये का समझौता हुआ. अदालत जिला जज उदय शंकर की अध्यक्षता में लगी. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मामलों के निबटारे के लिए पहुंचे. सतहत्तर सौ अठहत्तर मामले रजिस्टर किये गये थे. इनमें सबसे ज्यादा 1585 मामले रेवेन्यू से जुड़े थे, इन सभी का निबटारा हो गया.
मेगा लोक अदालत के लिए ही शनिवार को कोर्ट बैठी, अन्यथा महीने का दूसरा शनिवार होने के कारण छुट्टी थी. कोर्ट में सुबह से ही फरियादों की कतार लगनी शुरू हो गयी थी. सुबह दस बजे से दस बेंच में मामलों की सुनवाई शुरू हुई. इस दौरान कोर्ट परिसर में व्यापक तौर पर व्यवस्थाएं की गयी थीं. फरियादियों को किसी तरह की समस्या नहीं हो. इसके लिए किस कोर्ट में किन मामलों की सुनवाई होनी है. इसकी तख्ती लगायी गयी थी. मेगा लोक अदालत में अपराध से जुड़े मामलों को लेकर दिन में लगभग ग्यारह बजे अफरा-तफरी मच गयी. मामले ज्यादा थे, जबकि सुनवाई के लिए एक बेंच थी. इसको देख कर फरियादियों व वकीलों ने हंगामा शुरू कर दिया गया. इस वजह से आधा घंटे तक सुनवाई बाधित रही. न्यायिक अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा. इसके बाद दो बेंचों पर अपराध से संबंधित मामले सुने गये.
बीएसएनएल से संबंधित मामले कोर्ट में दर्ज किये जा रहे थे. उन्हें समझौते के लिए सिविल कोर्ट परिसर में भेजा जा रहा था, जहां बीएसएनल कर्मचारियों तक के बैठने की व्यवस्था नहीं थी. व्यवस्था नहीं देख फरियादी भड़क गये. इसके बाद बीएसएनएल कर्मियों ने इसकी सूचना न्यायिक अधिकारियों को दी, तब जाकर कुर्सी व मेज की व्यवस्था करायी गयी. इसके बाद बीएसएनएल से जुड़े मामलों का समझौता शुरू हुआ.
जिला जज उदय शंकर मेगा अदालत के संबंध में लगातार जानकारी ले रहे थे. लोक अदालत के चेंबर में वह उस समय तक मौजूद रहे, जबकि मामलों की सुनवाई पूरी नहीं हो गयी. इस दौरान वह लगातार न्यायिक अधिकारियों से जानकारी ले रहे थे. दिन में लगभग बारह बजे डीएम अनुपम कुमार मेगा लोक अदालत की कार्रवाई देखने के लिए पहुंचे. वह लगभग पैंतालीस मिनट तक रहे. इस दौरान उन्होंने जिला जज उदय शंकर से भी मुलाकात की.
दस बजे से शुरू हुई मेगा लोक अदालत की कार्रवाई शाम चार बजे तक चली. इसमें लगभग सवा करोड़ के मुआवजे की सहमति बनी. इसी तरह क्रिमिनल वाद में लगभग एक लाख के मुआवजे के प्रस्ताव को मंजूर किया गया.
लोक अदालत में जिन जजों ने मामलों की सुनवाई की, उनमें प्रिंसिपल जज सजल मंदिलवार, एडीजे राम शंकर सिंह, सब जज-चार संजय कुमार सिंह, मुंसिफ (पूर्वी) रत्नेश कुमार सिंह, सब जज- आठ वेद प्रकाश सिंह, मुंसिफ (पश्चिमी) विवेक राय, एडीजे-वन कुमार प्रकाश सहाय, एडहॉक एडीजे-वन फूलचंद्र चौधरी, एडीजे-छह शंभूनाथ तिवारी, न्यायिक दंडाधिकारी मिथिलेश कुमार, उपखंड न्यायिक दंडाधिकारी (पूर्वी) नेत्र जी, मुंसिफ निशिकांत ठाकुर, न्यायिक दंडाधिकारी संजीव कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह, संत्येंद्र पांडेय, उमेश कुमार शर्मा, मौसमी सिंह, मिस कल्पना श्रीवास्तव, रंजुला भारती, इंद्राणी किस्कु शामिल थे. मेगा लोक अदालत के सचिव एबी चतुव्रेदी व सीजेएम एसपी सिंह व्यवस्थाएं देख रहे थे.