इसके आधार पर उन्हें नकारा नहीं जाना चाहिए. बैठक में एजेंसियों के विदेशी पार्टनर पर भी चर्चा हुई. एक एजेंसी के प्रतिनिधि ने सवाल उठाया कि जिन एजेंसियों को किसी विदेशी एजेंसी के साथ अनुबंध है, तो क्या उन्हें प्राथमिकता दी जायेगी? इस पर भी सभी एजेंसियां एक मत नहीं थी. प्रमंडलीय आयुक्त ने साफ कर दिया कि एजेंसी कहीं की भी हो, स्मार्ट सिटी प्लान का काम पूरा होने तक उसकी कोर टीम को शहर में ही रहना होगा. एक सुझाव यह भी आया कि यदि चयनित एजेंसी का किसी विदेशी एजेंसी के साथ किसी प्रकार कर अनुबंध पहले से है, तो उन दोनों एजेंसियों को संयुक्त रूप से भारत में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो. मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी मिशन में पीएमसी बनने के लिए कुछ और एजेंसियों ने ऑनलाइन सुझाव दिये थे. लेकिन उनके प्रतिनिधि शनिवार की बैठक में शामिल नहीं हुए. तय हुआ कि चार या पांच अक्तूबर को फिर से प्री-बिड की मीटिंग बुलायी जाये, जिसमें सभी एजेंसियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी. मीटिंग में मिले सुझावों के आधार पर मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) में बदलाव किया जायेगा. बैठक में डीएम धर्मेंद्र सिंह, प्रमंडलीय आयुक्त के सचिव श्याम किशोर, नगर आयुक्त रमेश रंजन प्रसाद, नगर निगम के सहायक अभियंता संतोष कुमार भी मौजूद थे.
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प्रोजेक्ट पूरा होने तक कोर कमेटी को शहर में रहना होगा
मुजफ्फरपुर: शहर को स्मार्ट बनाने के लिए इन दिनों प्राेजेक्ट मेंटेनेंस कंसल्टेंट (पीएमसी) के चयन की प्रक्रिया जारी है. इसके लिए इच्छुक एजेंसियों से ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गयी थी. फिलहाल इसके लिए 11 एजेंसियों ने रुचि दिखायी है. इनके मुख्यालय देश के अलग-अलग शहरों में है. शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त एचआर श्रीनिवास की अध्यक्षता […]
मुजफ्फरपुर: शहर को स्मार्ट बनाने के लिए इन दिनों प्राेजेक्ट मेंटेनेंस कंसल्टेंट (पीएमसी) के चयन की प्रक्रिया जारी है. इसके लिए इच्छुक एजेंसियों से ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गयी थी. फिलहाल इसके लिए 11 एजेंसियों ने रुचि दिखायी है. इनके मुख्यालय देश के अलग-अलग शहरों में है. शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त एचआर श्रीनिवास की अध्यक्षता में प्रमंडलीय सभागार में आयोजित प्री-बिड मीटिंग में इन एजेंसियों ने प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इसमें एजेंसी चयन के लिए मानकों पर चर्चा हुई.
एक एजेंसी के प्रतिनिधि ने सवाल उठाया कि क्या जो एजेंसियां स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में पहले काम कर चुकी है, चयन में उसे प्राथमिकता दी जायेगी! पर, इस पर सहमति नहीं बनी. कुछ एजेंसी के प्रतिनिधियों का तर्क था कि भारत में अभी स्मार्ट सिटी योजना की शुरुआत ही हुई है. कुछ शहरों में ही इस पर काम हुआ है. ऐसे में बहुत सी एजेंसियों को इसमें काम करने का मौका मिला ही नहीं है.
इन एजेंसियों के प्रतिनिधि हुए शामिल
दारा शॉ, आरइपीएल, एसआरइआइ, इपिसा, एटको, रोडिक, आइडीसीएल, आइडीआइसीके, मिस बर्जर, वेप कॉप गुड़गांव, वोयांट्स, एसडब्ल्यूसी, पीडब्ल्यूसी, एसआरइआइ, वेस्ट, एसपीइवाइ.
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