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एयरलाइन कंपनियों के लिए घाटे का सौदा नहीं होगा पताही से ‘उड़ान’

योजना. उत्तर बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने किया दावा ‘फिक्की’ के अधिकारियों को भी लिखेंगे पत्र सूती वस्त्र व्यवसाय की देंगे जानकारी महीने में एक अरब रुपये तक का होता है टर्नओवर मुजफ्फरपुर : ‘क्षेत्रीय संपर्क योजना’ (सीएसआर) या ‘उड़ान (उड़े देश का आम आदमी)’ के तहत दूसरे चरण में हवाई सेवा के […]

योजना. उत्तर बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने किया दावा

‘फिक्की’ के अधिकारियों को भी लिखेंगे पत्र
सूती वस्त्र व्यवसाय की देंगे जानकारी
महीने में एक अरब रुपये तक का होता है टर्नओवर
मुजफ्फरपुर : ‘क्षेत्रीय संपर्क योजना’ (सीएसआर) या ‘उड़ान (उड़े देश का आम आदमी)’ के तहत दूसरे चरण में हवाई सेवा के लिए टेंडर की प्रक्रिया जारी है. केंद्र सरकार ने इसमें जिन हवाई अड्डों को शामिल किया है, उसमें पताही हवाई अड्डा भी शामिल है. इस बीच ‘फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स)’ ने आठ मानकों के आधार पर देश के उन 570 हवाई अड्डों की सूची जारी की है, जो योजना में शामिल होने का लायक हैं. इसमें मुजफ्फरपुर शामिल नहीं है.
वैसे इस सूची का सीधे तौर पर टेंडर की प्रक्रिया से कोई जुड़ाव नहीं है, पर इसे एयरलाइन कंपनियों को प्रभावित करने वाला माना जा रहा है. इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है. उत्तर बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने फैसला लिया है कि वह इस मामले में ‘फिक्की’ के समक्ष आपत्ति जतायेगा. चैंबर लंबे समय से पताही हवाई अड्डा से दोबारा हवाई सेवा शुरू करने की मांग उठाता रहा है.
‘फिक्की’ ने जिन आठ मानकों के आधार पर हवाई अड्डों की सूची जारी की है, उसमें एयरलाइन कंपनियों के फायदे की संभावना को भी शामिल किया गया है. ‘फिक्की’ का मानना है कि नजदीकी चालू हवाई अड्डे से सीएसआर हवाई अड्डे की दूरी 150 किलोमीटर से कम होने पर हवाई सेवा महंगी व अधिक समय लेने वाला साबित होगा. ऐसे में यात्री मिलना मुश्किल होगा. चैंबर ऐसी किसी संभावना से इनकार करता है. अध्यक्ष पुरुषोत्तम पोद्दार ने कहा कि मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार की अघोषित राजधानी है.
यहां सूती वस्त्र का व्यापार काफी बड़ा है. शहरी क्षेत्र में ही करीब 600 दुकानें हैं, जिनका सामान ट्रांसपोर्ट के माध्यम से गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, अमृतसर, दिल्ली व बिहार के अन्य जिलों तक जाता है. यदि टर्न ओवर की बात करें तो महीने में यह आंकड़ा करीब एक अरब को छूता है. बाहर के व्यवसायी भी यहां आकर व्यापार करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि व्यापार के सिलसिले में लोगों को प्राय: दूसरे राज्यों में जाना होता है. इसके लिए फिलहाल जेपी इंटरनेशनल हवाई अड्डा पटना से प्लेन पकड़ना होता है. मुजफ्फरपुर से रोजाना 30 से 40 लोग इस सेवा का लाभ उठाते हैं. फिलहाल पटना जाकर फ्लाइट पकड़ने में ही काफी समय बीत जाता है. ऐसे में थोड़ी महंगी ही सही, यदि पताही से हवाई सेवा शुरू होती है, तो कम-से-कम रोजाना 20 से 30 यात्री को मिल ही जायेंगे.
केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठायेंगे मामला
पताही हवाई अड्डा से हवाई सेवा शुरू करने के संबंध में केंद्रीय मंत्री से बात हुई थी. उन्होंने आश्वासन भी दिया है. उम्मीद है कि यहां छोटे विमान की सेवा जल्द शुरू होगी. जहां तक जमीन अधिग्रहण की बात है, तो 24 अगस्त को दिल्ली जाना है. यदि उड्डयन मंत्री से मुलाकात होती है, तो उनके समक्ष यह मामला उठाया जायेगा. सुरेश शर्मा, नगर विकास व आवास मंत्री
फिक्की ने इन मानकों पर बनायी है सूची
नजदीकी चालू एयरपोर्ट से न्यूनतम हवाई दूरी 150 किमी
बाजार व उद्योग की उपलब्धता
पर्यटन की सुविधा
पब्लिक डिमांड
भूमि की उपलब्धता
सेवा मुहैया कराने वाली एयर लाइन कंपनी के लाभ संभावना
एक दिन में कितनी उड़ान की क्षमता
हवाई अड्डा के समीप सड़क
व रेल सुविधा

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