मुजफ्फरपुर: रिजल्ट के बाद परीक्षा की कॉपी की छाया प्रति के लिए एक हजार रुपये शुल्क निर्धारण के फैसले का चौतरफा हो रहे विरोध के कारण बीआरए बिहार विवि प्रशासन को 48 घंटे के भीतर उसे वापस लेना पड़ा. बुधवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने आनन-फानन में परीक्षा बोर्ड की बैठक बुलायी. इसमें शुल्क निर्धारण पर पुनर्विचार का फैसला लिया गया.
इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी में कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला, परीक्षा नियंत्रक डॉ अजय कुमार सिंह, लोक सूचना पदाधिकारी डॉ रघुनंदन प्रसाद सिंह, सामाजिक विज्ञान के डीन डॉ प्रसून कुमार राय व विधि अधिकारी-1 डॉ आरएन ओझा शामिल हैं. कमेटी पंद्रह दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
उसके आधार पर शुल्क का निर्धारण होगा. कुलपति ने कहा, शुल्क का निर्धारण आरटीआइ कानून के तहत व छात्र हित में होगा. इससे पूर्व सात अप्रैल को परीक्षा बोर्ड की बैठक हुई थी. इसमें कॉपियों के रख-रखाव में होने वाले खर्च को आधार बना कर आरटीआइ के तहत मांगी गयी प्रत्येक कॉपी की छाया प्रति के लिए एक हजार रुपये शुल्क वादी से लेने का फैसला लिया गया था. प्रभात खबर ने विवि के इस फैसले पर लोगों से राय पूछी तो काफी लोगों ने इसे लोक सूचना के अधिकार की भावना से खिलवाड़ व विवि की मनमानी बताया था.