मुजफ्फरपुर : जिले में जैपनीज इंसेफ्लाइटिस (जेइ) की पुष्टि नहीं हुई है. इसके कारण यहां एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम से बचाव के लिए जेइ टीकाकरण अभियान के तौर पर नहीं चलाया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो यह अभियान यहां बीमारी के कहर के बाद नवंबर में शुरू किया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग आश्वस्त है कि एइएस में जेइ के वायरस नहीं हैं. इस कारण निजी नर्सिंग होम को इस बार जेइ टीकाकरण के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराया गया है.
नि:शुल्क टीकाकरण की व्यवस्था सिर्फ सदर अस्पताल व पीएचसी में ही उपलब्ध है. यहां अभिभावकों की मर्जी से ही टीका दिया जा रहा है. निजी केंद्रों पर यह टीका दो हजार रुपये में उपलब्ध है.
हालांकि, पिछले वर्ष बीमारी से पूर्व स्वास्थ्य विभाग ने शहर के कई निजी नर्सिग होम को जेइ का वैक्सीन उपलब्ध कराया था. अधिकारियों का कहना है कि गया, औरंगाबाद व नवादा में जेइ के केस मिले हैं. इसलिए उसे डेंजर जोन माना गया है. वहां अभियान चला कर सौ फीसदी बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है. मुजफ्फरपुर को सेफ जोन में रखा गया है.
* 82.3 फीसदी टीकाकरण का दावा : स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिले में 82.3 फीसदी टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है, लेकिन यह दो वर्ष तक के बच्चों के लिए ही है. उससे अधिक उम्र के बच्चे अभी भी असुरक्षित हैं. विभाग के एक अधिकारी के अनुसार अभी यहां चांदीपुरा व नेपा जैसे वायरस नहीं मिले हैं.
* कभी भी इसकी पुष्टि होती है तो दो वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे असुरक्षित हो जायेंगे.
* 16 से 24 माह के बच्चों का ही हो रहा टीकाकरण
जेई से बचाव के लिए 15 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण करने का प्रावधान है. लेकिन वह वैक्सीन जिले को उपलब्ध नहीं है. यहां 16 से 24 महीने के बच्चों के टीकाकरण के लिए ही जेई का वैक्सीन उपलब्ध कराया गया है. इस कारण दो वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा है. जबकि जेई से प्रभावित रहे क्षेत्र गया, नवादा व औरंगाबाद में इस तरह की वैक्सीन उपलब्ध है. यहां अभियान के तौर पर यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
* नवंबर में चलेगा जेइ टीकाकरण अभियान
* दो वर्ष तक के बच्चों के लिए उपलब्ध है वैक्सीन
* निजी नर्सिंग होम को नहीं उपलब्ध करायी गयी वैक्सीन
* तीन साल से अधिक उम्र के बच्चे असुरक्षित
– जिले में अभियान के तौर पर कार्यक्रम नहीं चलाया गया है. इसका कारण वैक्सीन की आपूर्ति कम होना है. इन स्थानों पर अभियान के तौर पर कार्यक्रम चलाया जायेगा. हालांकि दो वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण लक्ष्य जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा.
डॉ दिनेश्वर सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी
* जिले में जेइ का टीकाकरण बेहतर गति से चल रहा है. वैक्सीन अभी उपलब्ध है. दो वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से टीका दिया जा रहा है. जेइ का प्रकोप नहीं होने के बावजूद टीकाकरण में कोई कमी नहीं हो रही है.
डॉ ज्ञान भूषण, सिविल सजर्न