उन पर वाहनों का परिचालन शुरू हो चुका है. ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ने यह जानकारी जिले के प्रभारी मंत्री पशुपति कुमार पारस को दी. वे सोमवार को सर्किट हाउस में बाढ़ व राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने निर्देश दिया कि जो सड़कें अभी भी क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें जल्द-से-जल्द दुरुस्त कर उस पर वाहनों का आवागमन सुनिश्चित करें.
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173 सड़कों पर चढ़ा पानी, 93 में हुआ कटाव
मुजफ्फरपुर: जिले में आयी बाढ़ ने ग्रामीण सड़कों को काफी नुकसान पहुंचाया है. 173 सड़कें ऐसी हैं, जिन पर बाढ़ का पानी चढ़ा था. इनमें से 93 सड़कें या तो क्षतिग्रस्त हो गयीं या उनमें कटाव हो गया. इनमें से 27 की मरम्मत की जा चुकी है. उन पर वाहनों का परिचालन शुरू हो चुका […]
मुजफ्फरपुर: जिले में आयी बाढ़ ने ग्रामीण सड़कों को काफी नुकसान पहुंचाया है. 173 सड़कें ऐसी हैं, जिन पर बाढ़ का पानी चढ़ा था. इनमें से 93 सड़कें या तो क्षतिग्रस्त हो गयीं या उनमें कटाव हो गया. इनमें से 27 की मरम्मत की जा चुकी है.
डीएम धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि नदियों के जलस्तर में गिरावट के कारण कई गांवों से पानी तेजी से निकल रहा है. अब वहां महामारी फैलने का खतरा है. मंत्री ने निर्देश दिया कि जहां से पानी निकल गया है, वहां मेडिकल कैंप लगाया जाये. कैंप में 24 घंटे चिकित्सक व दवा उपलब्ध रहे. बैठक में फसल क्षति का मामला भी उठा. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि आकलन के अनुसार, जिले में 26 हजार 916 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हुई है. इसके लिए करीब 36 करोड़ मुआवजा देना पड़ सकता है. हालांकि, यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा. कई इलाकों में पानी होने के कारण वहां सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका है. बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष रामसूरत राय, जदयू जिलाध्यक्ष हरिओम कुशवाहा, हम के जिलाध्यक्ष इंद्रमोहन झा, लोजपा के जिलाध्यक्ष अजय सिंह, कुढ़नी विधायक केदार प्रसाद गुप्ता, बोचहां विधायक बेबी देवी, कांटी विधायक अशोक चौधरी, पूर्व विधायक वीणा देवी, एसएसपी विवेक कुमार, डीडीसी शैलजा शर्मा, प्रशिक्षु आइएएस वर्षा, सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह सहित अन्य अधिकारी शामिल थे.
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