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परिवार चलानेवाला चला गया, अब किसके सहारे कटेगी जिंदगी
मुजफ्फरपुर : सायरा खातून बेटा की मौत पर बार-बार बेहोश हो जा रही थी. पोस्टमार्टम के बाद शव रविवार को उसके घर लाया गया और जनाजे की नमाज के बाद दफन कर दिया गया. लोगों का कहना था कि शायरा की मानों तो दुनिया ही उजड़ गयी. बुढ़ापे की जिंदगी अब कैसे कटेगी, इसकी चिंता […]
मुजफ्फरपुर : सायरा खातून बेटा की मौत पर बार-बार बेहोश हो जा रही थी. पोस्टमार्टम के बाद शव रविवार को उसके घर लाया गया और जनाजे की नमाज के बाद दफन कर दिया गया. लोगों का कहना था कि शायरा की मानों तो दुनिया ही उजड़ गयी. बुढ़ापे की जिंदगी अब कैसे कटेगी, इसकी चिंता उसे सता रही है.
अल्लाह के सहारे कटेगी जिंदगी
शायरा के पति मो. सलीम की मौत 26 साल पहले हो गयी. सलीम की मौत के समय चिंटू शायरा के पेट में था. पहले से दो बेटियां शाहिन और पिंकीं थी. उसके जन्म लेने के बाद शायरा को काफी खुशी हुई थी. बड़ा होने पर पुत्र चिंटू अच्छी कमाई कर मां को खुश भी रख रहा था. दोनों बेटियों की शादी के बाद वह बहू की आस देख रही थी. लेकिन इसी बीच अचानक इकलौते बेटे की हत्या से उसकी दुनिया ही उजड़ गयी है. शायरा अब अल्लाह के सहारे जिंदगी काटने की बात कह रही है.
बेटे की आवाज सुनने के लिए नंगे पांव दौड़ी मां
शनिवार की रात आठ बजे चिंटू को चाकू लगने से बुरी तरह से घायल अपने इकलौते पुत्र का एक झलक पाने के लिए शायरा नंगे पांव चर्तुभुज स्थान चौक तक दौड़ गयी थी, लेकिन इलाज के लिए उसे ले जा रहे लोग काफी जल्दबाजी में थे. इसलिए उसे वह नहीं देख पायी. इलाज के दौरान ही रात के करीब 10 बजे चिंटू की मौत हो गयी, लेकिन इकलौते बेटे की मौत की खबर उसे सुनाने की किसी ने हिम्मत नहीं जुटायी. सुबह चार बजे तक उसे चिंटू के जिंदा होने की जानकारी थी. सुबह चार बजे के बाद लोग मुहल्ले में शव को लेकर पहुंचे. लेकिन शायरा चिंटू के इलाज के बाद ठीक होने की बात समझ उसकी एक आवाज सुनने के लिए गाड़ी के पास दौड़ पड़ी. लेकिन उसका शव देख बदहवाश होकर वहीं बेहोश हो गयी.
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