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हैलो! रमेश के पापा, बाढ़ में सबकुछ बह गेलई..
मीनापुर: वासुदेव छपरा पेट्रोल पंप से लेकर मीनापुर हाइस्कूल तक सैकड़ों बाढ़ पीड़ित परिवारों का तंबू मुजफ्फरपुर-शिवहर मुख्य मार्ग पर ही गड़ा है. इनका अस्थायी निवास यहीं पर है. तम्बु के आगे ही मवेशियों को सड़क किनारे बांध कर रखा गया है. बाढ़ पीड़ित चारा के जुगाड़ में जुटे हैं. इन्हें विश्वास है कि सरकारी […]
मीनापुर: वासुदेव छपरा पेट्रोल पंप से लेकर मीनापुर हाइस्कूल तक सैकड़ों बाढ़ पीड़ित परिवारों का तंबू मुजफ्फरपुर-शिवहर मुख्य मार्ग पर ही गड़ा है. इनका अस्थायी निवास यहीं पर है. तम्बु के आगे ही मवेशियों को सड़क किनारे बांध कर रखा गया है. बाढ़ पीड़ित चारा के जुगाड़ में जुटे हैं. इन्हें विश्वास है कि सरकारी राहत केंद्र से भोजन जरूर मिल जायेगा. लेकिन शाम के चार बजे तक महदेइया मुशहर टोली के अर्जुन मांझी भूख से बिलबिला रहे थे.
उनका कहना था कि खाना के रजिस्टर पर बहुत पहले निशान ले लिया गया. लेकिन खाना अभी तक नहीं बना है. सीता देवी, दरोगा मांझी, सीयापती देवी आदि विस्थापित परिवारों का भी यही हाल था. सीता देवी, गिरिजा देवी, लालधारी मांझी व कैलशिया देवी का कहना था कि अब तक कोनो सुधि लेवे न आएल ह.
मीनापुर के सोमरिया देवी फोन पर बात कर रही थी, हेल्लो… रमेश के पापा सब कुछ बाढ़ में डूब गेलई. रउरा जल्दी घरे आ जाउ. सड़क के किनारे बसे लोगों को मूलभूत सुविधाओं का अभाव था. खुले में शौच के साथ ही कीड़े-मकोड़ों का डर सता रहा है. आगे बढ़ने पर हरपुर, रघई, बनघारा में सात सौ शरणार्थी सड़क व बांध किनारे शरण लिये हुए है. मुखिया चंदेश्वर साह बताते है कि सभी विस्थापितों को दाल,भात व सब्जी दिया जा रहा है. लेेकिन सरकारी सुविधा अब भी नहीं मिल रही है.
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