पारू के वायाडीह गांव में 12.09 एकड़ जमीन के अधिग्रहण होगा. दरअसल 2007 में रेल लाइन के अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. लेकिन भू अर्जन विभाग ने अधियाचना नये अधिनियम के तहत किये जाने सलाह के साथ प्रस्ताव को वापस कर दिया था. रेलवे ने अब नये अधिनियम के अंतर्गत सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन लागत समेत भूमि की अपेक्षित लागत जमा करने को तैयार है.
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छपरा-मुजफ्फरपुर रेल लाइन को एक गांव की जमीन का होगा अधिग्रहण
मुजफ्फरपुर: छपरा-मुजफ्फरपुर रेल लाइन के लिए नये सिरे से भूमि का अधिग्रहण होगा. नये भू-अर्जन अधिनियम के तहत भू-धारियों को मुआवजा का भुगतान होगा. पूर्व मध्य रेल के उपमुख्य इंजीनियर ने जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह को पत्र लिख पारू के वायाडीह गांव में 12.09 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया है. […]
मुजफ्फरपुर: छपरा-मुजफ्फरपुर रेल लाइन के लिए नये सिरे से भूमि का अधिग्रहण होगा. नये भू-अर्जन अधिनियम के तहत भू-धारियों को मुआवजा का भुगतान होगा. पूर्व मध्य रेल के उपमुख्य इंजीनियर ने जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह को पत्र लिख पारू के वायाडीह गांव में 12.09 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया है.
अधिग्रहण किये जाने वाले जमीन में बंजर, कृषि व सिंचित बहुफसलीय है. इसमें कुल भूखंडों की संख्या 35 व भाग भूखंड की संख्या 84 है. भू अर्जित किये जाने वाले कुल क्षेत्र फल की चौहद्दी इस तरह है. उत्तर में भूखंड नंबर – 650, 350, 321, 316, 151, दक्षिण में 760, 638, 597, 379, 412, 191, पूरब में रुपौली व पश्चिम चक अलिशेर है.
इधर, लंबित है भुगतान
इधर, मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेल लाइन के लिए दस साल पूर्व अधिग्रहण किये गये भूमि का मुआवजा का भुगातन नहीं हो रहा है. रेलवे द्वारा योजना मद में राशि उपलब्ध नहीं कराने के कारण किसानों का भुगतान लंबित है. एक दर्जन से अधिक राजस्व गांव में किसानों का 20 प्रतिशत मुआवजा का भुगतान नहीं हो पाया है. भुगतान के लिए किसान भू अर्जन विभाग का चक्कर लगा रहे हैं. इसी तरह मुजफ्फरपुर – सीतामढ़ी रेल लाइन रेलवे गाइड बांध का मुआवजा भुगतान सालों से लंबित है.
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