मुजफ्फरपुर: एसबीआइ के एटीएम में कैश लोड करने वाली एजेंसी एसआइएस सिक्योरिटी के दोनों कस्टोडियन अमरेंद्र सिंह व सूरज ने बुधवार को सीजेएम एसपी सिंह के समक्ष आत्मसर्मपण कर दिया. दोनों ने एक्जीक्यूटिव कुणाल रंजन के साथ मिल कर 3.52 करोड़ रुपये गायब कर दिये थे. घटना को अंजाम देने के बाद वे तीन माह से से फरार चल रहे थे.
न्यायालय ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया. अमरेंद्र कुमार सिंह वैशाली के विदुपुर थाना क्षेत्र के नया टोला कर्मोपुर का रहने वाला है. वहीं सूरज सिंह मोतीपुर के धूमनगर का निवासी है. इस मामले में कुणाल रंजन आठ जनवरी 2014 से जेल में बंद है. कुणाल रंजन वैशाली जिले के कर्मोपुर का निवासी है. वह रिश्ते में अमरेंद्र कुमार सिंह का भतीजा है.
यहां बता दें कि इस मामले में सदर थाना में कांड संख्या 01/14 दर्ज है. इसमें दोनों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पुलिस अनुसंधान के बाद गबन की राशि 1.14 करोड़ से बढ़कर 3.52 करोड़ हो गई. एसआइएस सिक्योरिटी एजेंसी के सहायक प्रबंधक रविकांत ओझा के बयान पर इन दोनों के खिलाफ सदर थाने में एक जनवरी 2014 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी में श्री ओझा ने बताया था कि इन्हें पता चला था कि बीबीगंज एटीएम में पैसे का हिसाब नहीं मिल रहा है. इस एटीएम में कैश लोडिंग का पैसा रेडक्रॉस एसबीआइ शाखा एजेंसी के प्रतिनिधि को देती है. शिकायत के बाद 30 दिसंबर 2013 को बैंक के रिकॉर्ड से पता चला की बीबीगंज एटीएम से 1.14 करोड़ का गबन किया गया था. इस संबंध में जब श्री ओझा ने कस्टोडियन से संपर्क साधने की कोशिश की तो दोनों का मोबाइल स्वीच ऑफ था. जब उनके घर पूछताछ के लिए गये तो वे अपने घर पर नहीं थे.
सीतामढ़ी कस्टोडियन की तलाश जारी : एटीएम की छानबीन से पता चला था कि सीतामढ़ी के कस्टोडियन विकास व मयंक ने भी लाखों रुपये की गड़बड़ की है. सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद दोनों फरार हो गये थे. पुलिस इनकी तलाश में जुटी है.