इधर, डीडीसी के स्पष्टीकरण मांगने के बाद नगर आयुक्त ने अपने बचाव में जवाब तैयार करना शुरू कर दिया है. इससे पहले नगर आयुक्त ने इंजीनियरिंग व जलापूर्ति शाखा के अधिकारी व कर्मियों को सीलबंद लिफाफा भेज पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है. इससे कर्मियों में हड़कंप है. सोमवार को जलापूर्ति व इंजीनियरिंग शाखा के कर्मचारी मिनी पंप व सुपर सकर मशीन की खरीदारी से संबंधित संचिका निकाल जवाब तैयार करने में जुटे थे. बताया जाता है कि नगर आयुक्त के आवास पर रात-दिन घोटाले से संबंधित आरोपों का जवाब तैयार व संचिका को दुरुस्त करने में कर्मचारी जुटे हुए हैं.
- विभागीय स्तर पर शहर में लगाये गये मिनी पंप में करोड़ों रुपये के गबन का मामला
- शहरी क्षेत्र में इलेक्ट्रिक पोल पर 60 से 80 रुपये की कीमत के नंबर प्लेट को छह सौ रुपये की दर से लगवाने का आरोप
- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत रिसाइक्लिंग प्लांट के इनपुट-आउटपुट की जांच करा ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर हुए लाखों रुपये के ईंधन का भुगतान का आरोप
- सुपर सकर मशीन की खरीदारी में एक करोड़ से अधिक रुपये के गड़बड़ी का आरोप
- एलइडी लाइट की खरीदारी में अनियमितता, गैर ब्रांडेड कंपनी की लाइट की खरीदारी कर लाखों रुपये के घोटाले का आरोप
- निगम के बहुमत में पार्षदों की अोर से कई बार जनहित के प्रस्ताव देने के बावजूद उन्हें स्थायी समिति व निगम बोर्ड की बैठक में नहीं शामिल करने का आरोप
- कर्मचारी व इंजीनियरों की बहाली में गड़बड़