मुजफ्फरपुर/साहेबगंज: साहेबगंज थाना क्षेत्र के सुखनर मठ व गुलाबपट्टी मध्य विद्यालय के बीच शुक्रवार की सुबह साढ़े दस बजे गुलाबपट्टी पंचायत के मुखिया पति रमेश सिंह की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. घटना के समय वह प्रखंड मुख्यालय से अपनी बाइक पर सवार होकर हिम्मतपट्टी स्थित आवास लौट रहे थे. घटना से […]
मुजफ्फरपुर/साहेबगंज: साहेबगंज थाना क्षेत्र के सुखनर मठ व गुलाबपट्टी मध्य विद्यालय के बीच शुक्रवार की सुबह साढ़े दस बजे गुलाबपट्टी पंचायत के मुखिया पति रमेश सिंह की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. घटना के समय वह प्रखंड मुख्यालय से अपनी बाइक पर सवार होकर हिम्मतपट्टी स्थित आवास लौट रहे थे. घटना से आक्रोशित लोगों ने साहेबगंज बाजार को बंद कराते हुए टायर जला कर सभी प्रमुख मार्ग को जाम कर दिया. आधा दर्जन वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए थाने पहुंच गये.
थाना सिरिस्ता में रखे कुरसी- टेबल और ड्राम में तोड़फोड़ कर आग लगा दी. आक्रोशित लोगों को समझाने आये दारोगा महेंद्र साह व मुंशी जितेंद्र कुमार मिश्रा से हाथापाई की. पूर्व विधायक राजू कुमार सिंह के समझाने-बुझाने के बाद आक्रोशित लोग शांत हुए. एएसपी अभियान राणा ब्रजेश, डीएसपी पश्चिमी कृष्ण मुरारी प्रसाद ने अपराधियों के गिरफ्तारी का आश्वासन दिया,तब जाकर परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने को राजी हुए. दोपहर ढाई बजे पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया.
ललिता देवी गुलाबपट्टी पंचायत की मुखिया हैं. उनके पति रमेश सिंह सुबह साढे नौ बजे हिम्मतपट्टी स्थित अपने आवास से प्रखंड कार्यालय में निजी काम के लिए आये थे. सुबह सवा दस बजे वे प्रखंड मुख्यालय से घर के लिए निकले. इस दौरान बाइक पर सवार दो अपराधियों ने उनका पीछा कर सुखनर मठ के पास पीठ में गोली मार दी. बाइक छोड़ कर वे दोनों अपराधियों से भिड़ गये, तब अपराधियों ने सामने से उनके सीने में दो गोली मार दी. गोली लगने के बाद वहीं अचेत हो गये. भागने के क्रम में अपराधियों के पिस्टल का मैगजीन घटनास्थल पर ही गिर गया. लेकिन लोगों में दहशत फैलाने के लिए पिस्टल लहराते हुए मौके से फरार हो गये.
2001 में जीते थे मुखिया का चुनाव, 2016 में पत्नी बनी मुखिया
रमेश सिंह 2001 में मुखिया चुने गये थे. इसके बाद हुए पंचायत चुनाव में सीट आरक्षित होने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ सके. 2016 में पंचायत महिला के लिए आरक्षित होने पर उनकी पत्नी ललिता देवी मुखिया पद पर निर्वाचित हुई. परिजनों की माने तो वे प्रखंड मुख्यालय से घर खाना खाने आ रहे थे. खाना खाने के बाद उन्हें तेलीया छपरा गांव में पंचायत के लिए जाना था. इससे पहले अपराधियों ने उन्हें रास्ते में ही गोली मार दी.