–2009 बैच के दारोगा थे संजय कुमार गौड़, एक दिन के लिए बने थे गायघाट थानेदार
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
कांटी थाने के पानापुर करियात ओपी में तैनात दारोगा संजय कुमार गौड़ ने रविवार को कनपटी में गोली मारकर आत्महत्या कर ली. एसकेएमसीएच में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. सूचना मिलते ही एसएसपी विवेक कुमार सहित कई अधिकारी मेडिकल पहुंच गये. ओपी में तैनात पुलिसकर्मियों से पूछताछ की. घटनास्थल की एफएसएल से जांच करायी गयी है. पुलिस टीम ने पिस्टल को जब्त कर लिया गया है.दारोगा कई दिनों से मानसिक तनाव से गुजर रहे थे.
जानकारी के अनुसार,2009 बैच के दारोगा संजय कुमार गौड़ मूल रूप से सीवान जिले के दरौली थाना के मुरा कर्मवार गांव के रहने वाले थे. मई के अंतिम सप्ताह उन्हें पानापुर ओपी में तैनात किया गया था. रविवार को वह थाने की मुंशी के साथ बैठ कर केस का डिस्पोजल कर रहे थे. इसी बीच दिवा गश्ती कर दारोगा मो हारुण ओपी पर लौटे. कपड़ा बदल कर वह बाथरुम चले गये. कमरे से तेज आवाज सुन कर मुंशी ने अंदर झांका तो संजय खून से लथपथ होकर गिरे पड़े थे.
पास ही हारुण की पिस्टल पड़ी थी. आनन-फानन में वरीय अधिकारियों को सूचना देकर उन्हें इलाज के लिए एसकेएमसीएच लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. ओपी के बरामदे पर काफी मात्रा में खून बिखरा पड़ा था. वही पर संजय की चप्पल भी थी. एफएसएल की टीम ने पिस्टल को जब्त कर खून का नमूना एकत्रित कर लिया गया है.
न्यायिक कमिटी का गठन कर हो जांच : मृत्युंजय
बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि एक कर्तव्यनिष्ठ युवा पुलिस पदाधिकारी ने सुसाइड कर लिया. कुछ वर्षों में भोजपुर, बक्सर, नवादा, जमुई, पटना, पूर्णिया में भी ऐसी घटना हुई है. इस मामले में न्यायिक कमिटी का गठन कर जांच जरूरी है. जांच के बाद दोषी जो भी हो कार्रवाई होनी चाहिए. पारिवारिक कारण से छुट्टी मांगने पर भी वरीय पदाधिकारी समय पर छुट्टी नहीं देते है. बेवजह काम का प्रेशर देते रहते है. खुद एसी में बैठ कर फरमान जारी करते रहते है. उनको एक अभिभावक का रोल अदा करना चाहिए.
दारोगा मो हारूण की आंखो देखी
मैं गश्ती कर लौटा था, तो वह केस निष्पादन में व्यस्थ थे. मुझे क्या पता था कि मेरे ही सर्विस पिस्टल से वह आत्महत्या कर लेंगे. गश्ती से लौटने के बाद मैं कपड़ा चेंज कर फ्रेश होने चला गया था. पिस्टल मेरे बेड पर तकिया के नीचे रखा था. कमरे से आवाज आयी तो लगा कि जर्जर छत का प्लास्टर गिर गया है. जब मुंशी को आवाज देकर देखने को बोला तो वह गोली लगने की बात बोलने लगा.
दारोगा पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
वैशाली जिले में लंबे समय तक तैनात रहे संजय कुमार गौड़ को विभाग की ओर से उनके आचरण को देख सर्विस पिस्टल नहीं दिया गया था. उन पर वैशाली जिले के देसरी थाने में शराब पीकर हंगामा करने और पब्लिक पर पिस्टल तानने की प्राथमिकी दर्ज हुई थी. हालांकि पर्यवेक्षण रिपोर्ट में उन्हें निर्दोष पाया गया था. वैशाली जिले के देसरी, राजापाकड़, बराटी ओपी व सहदेई ओपी में भी वह प्रभारी के पद पर तैनात रहे चुके है.
24 घंटे के अंदर हुआ था तबादला
मई माह में उनका तबादला वैशाली जिले से मुजफ्फरपुर में किया गया था. अहियापुर थाने में तैनात रहने के दौरान 26 मई को उन्हें गायघाट में दुल्हन पिटाई की घटना के बाद एसएसपी ने संजय को थानाध्यक्ष के पद पर तैनात किया गया. लेकिन 24 घंटे के अंदर उन्हें हटा कर पानापुर में तैनात कर दिया गया था.
कर्ज में डूबे होने की चर्चा
पुलिस महकमे में संजय के कर्ज में डूबे में होने की चर्चा है. देसरी के ही दो लोगों से छह लाख रुपये लेने की बात सामने आयी है. दोनों लगातार संजय पर पैसा लौटाने का दबाव डाल रहे थे. एसएसपी विवेक कुमार ने कहा कि मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट तैयार की जा रही है. मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम कराये जाने की अनुशंसा की गयी है. जांच में जो तथ्य सामने आयेंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.