मुजफ्फरपुर: शहर में विकास कार्यो का असर दिखे या न दिखे, लेकिन नगर निगम मालामाल हो रहा है. निगम के इतिहास में पहली बार वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए दो लाख सात हजार फायदे का बजट पारित किया गया है.
मेयर वर्षा सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई सशक्त स्थायी समिति की विशेष बैठक में सदस्यों ने निगम के फायदे के बजट पर मुहर लगायी. निगम की कुल आय एक अरब 54 लाख 32 हजार रुपये दिखाया गया है. वहीं एक अरब 52 लाख 25 हजार रुपये खर्च करने का लक्ष्य तैयार किया गया है. कुल खर्च का 25 प्रतिशत (25 करोड़ 13 लाख) पिछड़े इलाकों के विकास कार्य पर खर्च किया जायेगा.
बता दें कि पिछले वर्ष 2013-14 में छह करोड़ 10 लाख के घाटे का बजट पास हुआ था. इस वर्ष राजस्व में 74 करोड़ छह लाख पूंजीगत में 10 करोड़ से अधिक आय को दरशाया गया है. वहीं पहले से निगम कोष में 16 करोड़ 11 लाख के करीब जमा राशि है. बैठक में डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन, नगर आयुक्त सीता चौधरी, पार्षद सह सदस्य मोहम्मद अब्दुल्लाह, रवि शंकर शर्मा, दीपलाल राम, राजा विनीत कुमार, रामनाथ प्रसाद गुप्ता, विजय कुमार झा उपस्थित थे.
टैक्स दर बढ़ने से बढ़ा वसूली का ग्राफ : पिछले वर्ष एक अप्रैल से होल्डिंग टैक्स की दर में बढ़ोतरी हो गयी है. इसके बाद से नगर निगम की टैक्स वसूली का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. इस बार विभिन्न प्रकार के टैक्स मद में 74 करोड़ छह लाख आय तय किया गया है. इसमें सिर्फ होल्डिंग टैक्स 60 करोड़ 51 लाख वसूली का लक्ष्य रखा है. वहीं कैपिटल मद में 10 करोड़ आय को दर्शाया गया है.
कचरा निष्पादन पर तीन करोड़ 25 लाख होगा खर्च : शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना नगर निगम के लिए चुनौती साबित हो रहा है. साप्ताहिक योजना बनाने के बाद भी सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट रहा है. ऐसे में बजट में शहर के कचरा निष्पादन पर 3 करोड़ 25 लाख रुपया खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है.