मुजफ्फरपुर: नगर-निगम समेत शहरी क्षेत्र की दस किमी की परिधि वाले इलाकों की जमीन का नया एमवीआर (न्यूनतम वैल्यु रजिस्टर) एक अप्रैल से लागू हो जायेगा. इसके कारण जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले लोगों को 30 प्रतिशत तक अतिरिक्त निबंधन शुल्क देना होगा. सबसे ज्यादा शहरी इलाके व उसके आसपास के मौजों की जमीनों की दर बढ़ेगी. हालांकि, नये एमवीआर को लागू करने से पूर्व जिला प्रशासन ने लोगों से 30 मार्च तक आपत्ति दर्ज करने का मौका दिया है. आपत्ति ऑन लाइन भी दर्ज होगी.
इसके लिए नये एमवीआर को जिला अवर निबंधक ने जिला प्रशासन की वेबसाइट पर लोड कर दिया है. प्रस्तावित नये एमवीआर के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में केवल व्यावसायिक व आवासीय श्रेणी की जमीन का ही रेट बढ़ेगा. वहीं मुशहरी अंचल के मझौली धर्मदास राजस्व ग्राम के रतवारा, सुस्ता, कोठिया दाखिली, बीबीगंज व पारू अंचल देवरिया राजस्व ग्राम के पारू खास की जमीन के रेट में तीस फीसदी तक वृद्धि का प्रस्ताव है.
कुढ़नी अंचल के चैनपुर राजस्व ग्राम के दरिया कफेन, सकरी सरैया की जमीन का रेट औसतन बीस फीसदी एवं मीनापुर के अधिकतर राजस्व ग्राम की जमीन के सरकारी रेट में 15 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. हालांकि, जिले के लगभग ढ़ाई सौ मौजा के मूल्यों में वृद्धि करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
उमड़ने लगी खरीदारों की भीड़
एक अप्रैल से नया एमवीआर लागू होने के डर से जमीन की खरीद-बिक्री काफी बढ़ गयी है. मंगलवार को दो से ढ़ाई गुना अधिक जमीन के दस्तावेजों की रजिस्ट्री हुई. जिला अवर निबंधक देर शाम तक ग्राहकों की भीड़ को देखते हुए जमीन के दस्तावेजों की रजिस्ट्री करने में जुटे हुए थे. इससे राज्य सरकार को दो करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है.