उधर, चमकी बुखार से पीड़ित मोतिहारी के हरपुर नाग गांव निवासी इंदल राम की पुत्री प्रीति कुमारी (03) व मीनापुर थाने के खेमाईपट्टी गांव निवासी मो मुमताज की पुत्री रोजी खातून (एक माह) की भी मौत हो गयी. सभी की मौत 12 घंटे के अंदर पीआइसीयू में इलाज के दौरान हुई. इन बच्चों में ब्लड सुगर की कमी बतायी गयी थी. डॉक्टर ने जांच के बाद इसकी पुष्टि भी की.
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एइएस पीड़ित दो बच्चों समेत चार की मौत, तीन भरती
मुजफ्फरपुर: एइएस से पीड़ित बच्चे की मौत मंगलवार को एसकेएमसीएच के पीआइसीयू में हो गयी. वह मुशहरी थाने के गोपालपुर गांव निवासी मो जुबैर की तीन वर्षीया पुत्री अफरोज थी. वहीं केजरीवाल हॉस्पीटल से रेफर कांटी थाने के कोठिया निवासी दिलीप बैठा के पुत्र दीपक कुमार (08) की मौत एइएस से हो गयी. उसे सुबह […]
मुजफ्फरपुर: एइएस से पीड़ित बच्चे की मौत मंगलवार को एसकेएमसीएच के पीआइसीयू में हो गयी. वह मुशहरी थाने के गोपालपुर गांव निवासी मो जुबैर की तीन वर्षीया पुत्री अफरोज थी. वहीं केजरीवाल हॉस्पीटल से रेफर कांटी थाने के कोठिया निवासी दिलीप बैठा के पुत्र दीपक कुमार (08) की मौत एइएस से हो गयी. उसे सुबह में ही अस्पताल में भरती कराया गया था.
एइएस के तीन व जेइ का एक नया मरीज भरती
एइएस से पीड़ित तीन नये बच्चों को गंभीर हालत में एसकेएमसीएच के पीआसइसीयू में भरती कराया गया. जांच के बाद तीनों में एइएस की पुष्टि डॉक्टर ने की है. वहीं केजरीवाल से रेफर गुलाबपट्टी गांव निवासी केदार सहनी के पुत्र डेढ़ वर्षीय राजा कुमार में जेइ की पुष्टि की गयी है. एइएस पीड़ित सीतामढ़ी के बाझपट्टी थाने के मदरापुर गांव निवासी मनोज मंडल की पुत्री सुजाता (05), बैरगेनिया थाने के चटचकिया निवासी वीरेंद्र साह के पुत्र ओम प्रकाश (05) व हथौड़ी थाने के पकड़ीपुनरवारा गांव निवासी पप्पु सहनी के पुत्र सत्यम कुमार एक वर्ष में एइएस की पुष्टि की गयी है. सभी को मंगलवार की सुबह व दोपहर को भरती किया गया था.
सोडियम, सुगर व गरमी एइएस का कारण
एसकेएमसीएच के शिशु रोग विषेशज्ञ ने डॉ जीएस सहनी ने बताया कि बच्चे में एइएस के कारण ब्लड सुगर व सोडियम की मात्रा में कमी होना है. पैथोलॉजिकल जांच के बाद आये बच्चे की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. साथ ही लीची की जगह में तेज गरमी व नमी को माना गया है. क्योंकि बच्चे उमस भरी तेज गरमी में ही एइएस का शिकार हुए हैं. बच्चे अधिकतर सुबह में ही बीमार हुए हैं. वैसे बच्चे जो रात को खाली पेट सो जाते हैं. उसके खून में सुगर व सोडियम की कमी हो जाती है.
एइएस पर लगातार नजर रखी जा रही है. मौसम में नमी के कारण खतरा कुछ कम हुआ है. जो बच्चे सामने आये हैं, उनका बेहतर तरीके से इलाज चल रहा है. केजरीवाल अस्पताल में भरती दो बच्चों में जेइ की पुष्टि होने के बाद उन्हें एसकेएमसीएच में रेफर करा दिया गया है.
डॉ ललिता सिंह, सीएस
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