मुंगेर : चैत्र माह में की किये जाने वाले अनुष्ठान चैती छठ की पूजा सोमवार को उदीयमान सूर्य को सूप चढ़ा अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. गंगा के घाटों सहित विभिन्न ताल-तलैयों पर व्रतियों ने सूर्य की षष्ठी पूजा कर अपने व्रत को पूर्ण किया. जहां परिजनों एवं पड़ोसियों ने व्रती को अनुष्ठान-कार्य में सहयोग किया. प्रसाद का डाला लाने और पूजा के बाद घर तक ले जाने में परिजन सहयोगी रहे. चैत माह में किये जाने वाली सूर्य की षष्ठी पूजा में व्रतियों को अधिक कष्ट होता है.
खासकर गरमी के कारण प्यास से उनकी स्थिति काफी संकटपूर्ण रही. परंतु आस्था और भक्ति के कारण उपासकों ने पूजा एवं अर्घ्य के कार्य में कमी नहीं होने दी. कार्तिक मास की छठ पूजा में चैत की अपेक्षा चार-पांच गुना व्रती होते हैं. घर-घर में इस पूजा की धूम रहती है. शहर का चप्पा-चप्पा छठ मां की उपासना से अभिभूत रहता है. इस बार अधिक गरमी पड़ने के कारण व्रतियों को गंगा के घाट तक जाने में भी काफी कष्ट हुआ. जहां सफाई भी नहीं थी.