कार्यक्रम . एसबीएन कॉलेज गढ़ीरामपुर में व्याख्यानमाला का आयोजन
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शिक्षा से समतामूलक समाज की स्थापना
कार्यक्रम . एसबीएन कॉलेज गढ़ीरामपुर में व्याख्यानमाला का आयोजन तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामाशंकर दूबे ने एसबीएन कॉलेज गढ़ीरामपुर में रविवार को ‘ भारत में शिक्षा की दशा एवं दिशा ‘ विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित किया. इसके बाद परमानंद सिंह प्रशासनिक भवन का शिलान्यास भी किया गया. मुंगेर : शिक्षा के […]
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामाशंकर दूबे ने एसबीएन कॉलेज गढ़ीरामपुर में रविवार को ‘ भारत में शिक्षा की दशा एवं दिशा ‘ विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित किया. इसके बाद परमानंद सिंह प्रशासनिक भवन का शिलान्यास भी किया गया.
मुंगेर : शिक्षा के द्वारा ही समतामूलक समाज की स्थापना की जा सकती है़ 12 वीं शताब्दी के बाद वर्ष 1947 के बीच देश में शिक्षा का ग्राफ काफी नीचे आ गया़ जिसमें आजादी के बाद लगातार सुधार लाने का प्रयास जारी है़ ये बातें तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामाशंकर दूबे ने एसबीएन कॉलेज गढ़ीरामपुर में रविवार को ‘ भारत में शिक्षा की दशा एवं दिशा ‘ विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए कही. इससे पूर्व कुलपति डॉ रमाशंकर दूबे सहित अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया़
उन्होंने कहा कि जिस तरह मालवीय जी ने बनारस विश्वविद्यालय के लिए अलख जगाया, उसी प्रकार एसबीएन कॉलेज के लिए परमानंद बाबू के योगदान को कभी भूला नहीं जा सकता़ आजादी के पहले देश भर में जहां सिर्फ 20 विश्वविद्यालय तथा 500 महाविद्यालय हुआ करते थे, वहीं आजादी के बाद देश भर में अबतक 800 विश्वविद्यालय तथा 40,000 महाविद्यालय संचालित हैं. उन्होंने शिक्षकों से अपील किया कि हमारे गुरु अपने गुरु होने का दायित्व निभाये़ छात्रों की जिज्ञासा को शांत कर उसके अंधकार को दूर करने के बाद भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को स्थापित किया जा सकता है़ जरूरत है तो सिर्फ गुरु व शिष्य के संबंध में प्रगाढ़ता लाने की़ तभी देश के शिक्षा की दशा एवं दिशा में सुधार लाया जा सकता है़
छात्रों के प्रति सजग रहें अभिभावक
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ अवधकिशोर राय ने कहा कि इस सुदूर ग्रामीण इलाके में परमानंद सिंह ने शिक्षा का दीप जलाने के लिए अपना जीवन तक दान दे दिया़ जिसके कारण आस- पड़ोस के इलाके के छात्र- छात्रों को डिग्री तक की शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है़ यहां के शिक्षकों, छात्रों तथा अभिभावकों का बेहतर प्रयास रहा तो इस कॉलेज को नैक की ग्रेडिंग भी मिल सकती है़
शिक्षा के लिए कोई नहीं देता है धरना
नैक के पूर्व निदेशक प्रो अमरनाथ राय ने कहा कि सभी अपनी-अपनी भूमिका के प्रति सचेत हो जायें, जिससे शिक्षा के स्तर को और भी बेहतर बनाया जा सकता है़ बिजली, पानी तथा अन्य जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लोग प्राय: धरना प्रदर्शन के लिए उतरते देखे जाते हैं. किंतु आज तक किसी को भी शिक्षा के लिए धरना प्रदर्शन करते नहीं देखा गया.
अन्य वक्ताओं ने भी दिया अपना विचार
उपनिदेशक शिक्षा डॉ ब्रजकिशोर सिंह, पूर्व प्राचार्य शिव विलास राय, जेआरएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ इकबाल हसन आजाद, एसबीएन कॉलेज के सचिव अंजन कुमार सिंह, प्राचार्य सच्चिदानंद चौधरी तथा डॉ रामानुज सिंह ने भी व्याखनमाला में अपने विचार रखे़ मौके पर कार्यक्रम संयोजिका कुमारी अंजू, एनसीसी के केयर टेकर अनंत कुमार सिंह, डॉ अमर कुमार, प्रो. राजीव नयन, अनिल कुमार पांडेय, प्रो. ललन कुमार सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे़
प्रशासनिक भवन का हुआ शिलान्यास
कुलपति डॉ रामाशंकर दूबे तथा प्रतिकुलपति डॉ अवध किशोर चौधरी ने एसबीनएन कॉलेज के प्रांगण में शिलापट से पर्दा हटा कर तथा नारियल फोड़ कर परमानंद सिंह प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया़ इससे पूर्व एनसीसी कैडेटों द्वारा कुलपति तथा प्रतिकुलपति को सम्मान दिया गया़
स्वागत गान से गदगद हुए अतिथि
बिहार स्कूल ऑफ म्यूजिक एंड आर्टस की छात्राओं द्वारा ‘ सुनी जो उनके आने की आहट गरीबखाना सजाया मैंने’ स्वागत गान, कुलगीत ‘ अंग महा जनपद तब वंदन’ तथा मुंगेर गीत ‘ हमके चलके तू मुंगेर घुमाय दा’ गाकर अतिथियों को गदगद कर दिया़ गीत प्रस्तुति में प्रवीनचंद्रा, रक्षा रानी, कोमल रानी, नीलू, रीमा, अनुस्का, चंदा, रानी, साक्षी का महत्वपूर्ण योगदान रहा़
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