मुंगेर : रेलकर्मी चंदर मंडल हत्याकांड में 27 वर्ष बाद मंगलवार को एक अभियुक्त मणि मंडल को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सत्रवाद संख्या 529/90 में सुनवाई करते हुए उपलब्ध साक्ष्य एवं गवाहों के बयान के आधार पर भादवि की धारा 302/34 के तहत दोषी पाकर सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अभय कुमार ने बहस में भाग लिया. घटन के संदर्भ में बताया जाता है
कि चंदर मंडल जमालपुर रेल कारखाना से नाइट ड्यूटी कर 26 अगस्त 1989 को श्रमिक ट्रेन से अपना घर लौट रहा था. ढनमनी पुल पाटम पर ट्रेन से उतर कर जब वह नयाटोला पाटम अपना घर जाने लगा तो मणि मंडल अपने भाई अंबिका मंडल व दो अन्य सहयोगी विजय तांती व दिलीप साह के साथ चंदर मंडल को पकड़ लिया और खींच कर मिडिल स्कूल पाटम के अहाते में ले गया तथा उन लोगों ने गोली मार कर उसकी हत्या कर दी थी.
इस संदर्भ में नया रामनगर थाना में कांड संख्या 71/1989 दर्ज की गयी थी. लंबी सुनवाई के बाद न्यायालय ने मुख्य आरोपी मणि मंडल को हत्या के मामले आजीवन कारावास की सजा दी है. इधर नया रामनगर थाना क्षेत्र के चंदनपुरा निवासी चंद्रभानु सिंह हत्याकांड में अपर सत्र न्यायाधीश पंचम ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने आरोपी अंजनी कुमार को दोषी पाकर भा.द.वि की धारा 302 के तहत अंतिम सांस तक सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी किया गया है. इस मामले में सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक राजपति यादव ने बहस में भाग लिया. घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि चंद्रभानु सिंह 3 सितंबर 2012 की शाम 7 बजे अपने घर से दूध देने के लिए मिल्कीचक गया था. रास्ते में मध्य विद्यालय चंदनपुरा पुल के समीप उसे अंजनी कुमार ने गोली मार दी थी. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था तथा इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. इस मामले में मृतक चंद्रभानु सिंह की पत्नी प्रेमलता देवी के बयान पर पुलिस ने नया रामनगर थाना में कांड संख्या 127/2012 सजा दी गयी है.