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मुल्क की तरक्की के लिए करें कर का भुगतान : मश्रिा

मुल्क की तरक्की के लिए करें कर का भुगतान : मिश्रा फोटो संख्या : 9फोटो कैप्सन : संबोधित करते आयकर पदाधिकारी प्रतिनिधि, मुंगेर अपर आयकर आयुक्त यूसी मिश्रा ने व्यवसायियों का आह्वान किया है कि देश की तरक्की के लिए नियमित रूप से आयकर का भुगतान करें. कर के भुगतान की राशि का इस्तेमाल देश […]

मुल्क की तरक्की के लिए करें कर का भुगतान : मिश्रा फोटो संख्या : 9फोटो कैप्सन : संबोधित करते आयकर पदाधिकारी प्रतिनिधि, मुंगेर अपर आयकर आयुक्त यूसी मिश्रा ने व्यवसायियों का आह्वान किया है कि देश की तरक्की के लिए नियमित रूप से आयकर का भुगतान करें. कर के भुगतान की राशि का इस्तेमाल देश के विकास की योजनाओं के लिए होता है. वे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में आयकर विभाग के तत्वावधान में अग्रिम आयकर भुगतान से संबंधित विषयों पर आयोजित जागरूकता शिविर को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 1920 के आसपास लोगों को 90 फीसदी का भुगतान करना पड़ता था. आज वह घट कर 20 फीसदी हो गया है. बावजूद इसके हम आय के अनुकूल करों का भुगतान नहीं करते हैं. सवा सौ करोड़ वाले देश में मात्र 3 करोड़ लोग आयकर का भुगतान कर रहे हैं. जबकि 22 करोड़ लोगों के पास पैन (पर्सनल एकाउंट नंबर) कार्ड उपलब्ध है. जब इतने लोग कर का भुगतान नहीं कर रहे हैं तो विकास का काम कैसे होगा. आर्थिक रूप से स्वावलंबी नहीं रहने की वजह से भारत को अनेक योजनाओं के लिए विश्व बैंक से ऋण लेना पड़ता है. केंद्र की सरकार भारत में बुलेट ट्रेन चलाना चाह रही है. उसके लिए जापान सस्ते ब्याज दर पर ऋण देने के लिए सहमत हुई है. साथ ही ऋण चुकाने की अवधि भी लंबी है. जापान आर्थिक रूप से इसलिए स्वावलंबी हैं कि वहां के शत प्रतिशत लोग करों का भुगतान करते हैं. समारोह को संबोधित करते हुए लखीसराय के आयकर अधिकारी विवेकानंद झा ने कहा कि करों के संबंध में सरकार का लचीला रुख होने के बावजूद लोग आय के मुताबिक राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं. यह चिंताजनक स्थिति है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने नागरिक दायित्व का निर्वहन करें. समारोह को संबोधित करते हुए सूचना एवं जनसंपर्क के उपनिदेशक केके उपाध्याय ने इस सवाल पर मुंगेर चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित अन्य संगठनों के प्रबुद्ध लोग यहां जमा हैं और एक खास वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है. यदि ये लोग अपनी जिम्मेदारी समझें तो काफी परिवर्तन आ सकता है. इससे पूर्व कार्यशाला के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए मुंगेर के आयकर पदाधिकारी सरोज कुमार ने कहा कि मुंगेर में आयकर का रिटर्न माइनस तीन करोड़ रुपये है. यह नकारात्मक स्थिति है. जबकि यहां लोग बड़े पैमाने पर व्यापार कर रहे हैं तथा आयकर को छिाये हुए भी है. सरकार के पास एनुअल इंफोरमेशन रिपोर्ट भी रहती है. जिसके आधार पर वह आय के स्त्रोत का पता लगा सकती है. आय का स्त्रोत पता लगने के बाद मूल्यांकन और उस आधार पर आयकर नहीं जमा करने के संबंध में अलग-अलग राशि पर अलग-अलग सजा का प्रावधान है. अग्रिम आयकर इससे बचने के लिए एक उत्तम उपाय है. कार्यशाला का संचालन आयकर निरीक्षक एके चौरसिया ने किया. कार्यशाला को मुंगेर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजेश जैन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ संजीव कुमार, आरके खंडेलिया, एनके मोदी, पीएस मुरारका, मुकेश गुप्ता, राजीव कुमार ने भी अपने सुझावों से वाकिफ कराया.

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