मुंगेर: शारदीय नवरात्र पर मुंगेर भक्ति में डूब गया है. चारों ओर मां दुर्गा के परंपरागत गीतों एवं दुर्गा सप्तशती के ोकों से वातावरण भक्तिमय हो गया है. नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की अराधना की गयी. दुर्गापूजा का भक्तिभाव धीरे-धीरे परवान पर चढ़ता जा रहा है. एक ओर जहां दुर्गा स्थानों में मां के प्रतिमा को कलाकार अंतिम रूप देने में लगे हैं दूसरी ओर पूजा समितियों द्वारा भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. दुर्गापूजा के अवसर पर अनेक पूजा समितियों द्वारा इस बार देवी जागरण का भी आयोजन किया जायेगा. प्रात:काल से ही पूजा पंडालों में श्रद्धालु नर-नारियों की भीड़ उमड़ रही है. स्नान-ध्यान कर लोग मां के दरबार में हाजिर हो जाते हैं और दुर्गा चालीसा अथवा दुर्गा सप्तशती का पाठ कर मां से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. मुंगेर के शादीपुर स्थित बड़ी मां दुर्गा एवं छोटी मां दुर्गा व बड़ी काली लोगों के विशेष आकर्षण व अराधना का केंद्र है. सुबह-सवेरे जहां धूप, दीप, नैवेध से जहां पूजा अर्चना की जाती है वहीं शाम में श्रद्धालु मां की महाआरती में भाग लेते हैं.
प्रतिमा को दे रहे अंतिम रूप
प्रतिमा को अब कलाकार अंतिम रूप दे रहे हैं. मुंगेर के बड़ी दुर्गा स्थान की प्रतिमा का रूप अत्यंत ही तेजश्वी है. यही कारण है कि लोग अपने घरों में बड़ी मां दुर्गा की तस्वीर को भी रखकर पूजा-अराधना करते हैं.
अखाड़ा समिति की तैयारी
दुर्गापूजा के अवसर पर विभिन्न पूजा समितियों के अखाड़ों द्वारा भी जमकर तैयारी की जा रही है. शाम होते ही पूजा परिसरों में अखाड़ा समिति के सदस्य अपना करतब दिखाना प्रारंभ कर देते हैं. मूलरूप से यह तैयारी दुर्गापूजा विसर्जन के लिए की जाती है.