सप्तमी, अष्टमी एवं नवमी के दिन यहां काफी भीड़ होती है. नवमी के दिन मां मनसा देवी को खुश करने के लिए सैकड़ों बकरे की बलि दी जाती है. इसके अलावा सावन माह की पंचमी को बलि देने की परंपरा है. वहीं इस मंदिर में शादी, बच्चों का मुंडन व अन्य मांगलिक कार्य होता है. क्षेत्र के लोग मां भगवती का आशीर्वाद लिए बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं करते. मंदिर परिसर में पीपल व वट का मिला हुआ वृक्ष है. यहां भी महिलाएं जल चढ़ाने आती है. वट-सावित्री की पूजा में भी खासी चहल-पहल होती है.
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मुंडन से लेकर शादी तक होती है बेनीपुर भगवती स्थान में
पीरीबाजार: पीरीबाजार क्षेत्र के बेनीपुर गांव स्थित अति प्राचीन प्रसिद्ध मां मनसा विषहरी मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है. लोगों की मान्यता है कि भगवती के इस मंदिर में सर्प दंश के उपरांत लाये गये मरीजों को तुरंत लाभ मिलता है. परिसर में पीपल और वट वृक्ष का अद्भुत संगम है. नवरात्र की […]
पीरीबाजार: पीरीबाजार क्षेत्र के बेनीपुर गांव स्थित अति प्राचीन प्रसिद्ध मां मनसा विषहरी मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है. लोगों की मान्यता है कि भगवती के इस मंदिर में सर्प दंश के उपरांत लाये गये मरीजों को तुरंत लाभ मिलता है. परिसर में पीपल और वट वृक्ष का अद्भुत संगम है.
नवरात्र की नवमी व सावन की पंचमी को बलि
शारदीय नवरात्र में मां मनसा मंदिर की पूजा धूमधाम से होती है. भगवती स्थान के नाम से विख्यात इस मंदिर में सालों भर पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. लेकिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को श्रद्धालु की भीड़ अधिक रहती है. मान्यता है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से मां मनसा देवी मंदिर में कलश स्थापना कर पूजा-अर्चना करते हैं, दुर्गा सप्तशती का पाठ कराते हैं, उनकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है. श्रद्धालु मनोकामना पूर्ण होने पर भी यहां पूजा-अर्चना के लिए आते हैं.
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