असरगंज: कृषि प्रधान देश में किसान की बेहतरी के लिए पदस्थापित सरकारी अधिकारियों एवं उनके कार्यालय के बाबुओं की ठाठ के आगे किसान बेचारा बना हुआ है. कृषि कार्यालय की कर्तव्यहीनता एवं अनियमितता के कारण किसानों को न तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाता है और न ही उनकी फरियाद सुनने वाला कोई मिलता है.
ऐसा ही वाकया सोमवार को असरगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रखंड कृषि कार्यालय में देखने को मिला. यहां दिन के 12 बजे तक ताले लटके रहे और बाबू लोग या बड़े साहब के दीदार को किसान भटकते रहे.
राजेश कुमार, श्याम कुमार, अनिल कुमार सहित दर्जनों स्थानीय किसानों ने बताया कि वे लोग प्रखंड कृषि कार्यालय में मूंग और ढैंचा के लिए आवेदन लेकर आये हुए हैं. पिछले दो घंटे से वे भटक रहे हैं किंतु न तो कार्यालय का अबतक ताला खुला और न ही कर्मचारियों का कहीं अता-पता है. किसानों ने बताया कि अकसर इस कार्यालय में ऐसी ही स्थिति बनी रहती है. यहां के अधिकारी और कर्मचारी न तो समय पर कार्यालय पहुंचते हैं और न ही उन लोगों को किसी काम में जानकारी या सहयोग देते हैं. इसके कारण हम किसानों को मिलने वाली सरकारी सहायता के बारे में जानकारी तक नहीं मिल पाती. यहां के बाबुओं का व्यवहार असहनीय होता है.
कहते हैं कृषि पदाधिकारी
प्रखंड कृषि पदाधिकारी गुलरेज अहमद ने इस संबंध में बताया कि वे सोमवार को किसी विभागीय कार्य से जिला मुख्यालय मुंगेर गये हुए हैं. इसलिए कार्यालय सही समय पर नहीं खुल पाया है.