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रामकथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन श्रीराम विवाह के प्रसंग का वर्णन

प्रतिनिधि , मुंगेर श्री राधा कृष्ण प्रेमकुंज मंदिर बबुआ घाट में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन श्रीराम विवाह के प्रसंग का वर्णन किया गया. जिसे सुन कर उपस्थित श्रद्धालुओं ने भक्ति सागर में डुबकी लगायी. वहीं बीच-बीच में रामायण की पंक्तियों पर प्रकाश डाला गया. संत कवि विजेता मुदगलपुरी ने […]

प्रतिनिधि , मुंगेर श्री राधा कृष्ण प्रेमकुंज मंदिर बबुआ घाट में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन श्रीराम विवाह के प्रसंग का वर्णन किया गया. जिसे सुन कर उपस्थित श्रद्धालुओं ने भक्ति सागर में डुबकी लगायी. वहीं बीच-बीच में रामायण की पंक्तियों पर प्रकाश डाला गया. संत कवि विजेता मुदगलपुरी ने प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान राम विवाह के समय कामदेव को घोड़ा बनाया गया. भगवान शंकर जब दूल्हा बनते हैं तो बैल पर सवार होते हैं. वह भी उलटा बैठे हैं. कहते हैं बैल के पूछ में धर्म का वास है. आज जब कोई दूल्हा बनता है तो धर्म को घर पर छोड़ देता है. जिसका नतीजा है कि श्रद्धा-विश्वास का भाव नहीं बन पाता है. उन्होंने कहा कि भगवान शिव और राम ये दोनों दूल्हा बनने की आदर्शता प्रस्तुत करते हैं. धर्म को नहीं छोड़ना और काम का लगान अपने हाथ में रखना यह सूत्र है एक सु:खद दांपत्य जीवन के लिए. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में यही दो विवाह है जो विवाह के आदर्श को प्रस्तुत करते हैं. कृष्ण के विवाह को देखे तो उनका अनेकों विवाह हैं. लेकिन एक ही विवाह को आदर्श विवाह कहा जा सकता है वह है राधा जी के साथ. लेकिन इस विवाह के संबंध में बहुत कम लोग जानते हैं. इसे विवाहेत्तर संबंध मानते हैं. कवि ने बताया कि गर्ग संहिता के अनुसार ब्रह्मा जी ने यमुना के किनारे भंडरिक वन में वेदी गार कर राधा और कृष्ण का विवाह रचाया. मौके पर भजन गायक शंकर मेहता एवं प्रमोद जी ने भजन की प्रस्तुति कर कार्यक्रम को संगीत व भक्ति बना दिया. महंत आनंद बिहारी दास, विपिन कुमार व नीरज कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे.

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