लदनियां. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में 20 बेड का पीकू (बच्चों) का अस्पताल बनकर तैयार है. लेकिन हैंडओवर नहीं किये जाने से शिशु मरीज को उसका लाभ नहीं मिल रहा है. विदित हो कि 37 लाख,15 हजार 579 रुपये की लागत से पीकू अस्पताल का निर्माण कराया गया है. पीकू अस्पताल के बन जाने से सीमावर्ती क्षेत्र के गरीब मरीजों का उपचार कराने में सहुलियत होगी. 20 बेड वाले वार्ड का निर्माण होने से लोगों में बच्चों के स्वास्थ्य सुविधा को लेकर एक आशा की किरण जगी है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार अमन ने कहा कि यह पेडियेट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) हैं. जो बच्चों के इलाज के लिए बना है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही एक पेडिएट्रिशन डॉक्टर की बहाली होगी. जो फिलहाल इस स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि हैंडओवर के बाद इसे चालू करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. रोगी कल्याण समिति के सदस्य सरोज कुमार यादव ने कहा कि बच्चों के इलाज के लिए लोगों को डीएमसीएच के बच्चा वार्ड जाकर इलाज कराना पड़ता था. गरीब एवं मजदूर वर्ग के लोगों को मुश्किल होती थी. 20 बेड वाले पेडियेट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट शुरू होते ही लोगों को अपने बच्चे के इलाज में समय और पैसे की बचत होगी. बेहतर इलाज उपलब्ध हो सकेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है