21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अस्पतालों में क्षमता के हिसाब से पांच प्रतिशत बेड का आईसीयू होना अनिवार्य

अब स्वास्थ्य स्थिर होने तक मरीजों को आईसीयू और सीसीयू वार्ड से जेनरल वार्ड में शिफ्ट नहीं किया जायेगा. इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा पर मेडिकल कालेज अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों के आईसीयू के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है.

मधुबनी . अब स्वास्थ्य स्थिर होने तक मरीजों को आईसीयू और सीसीयू वार्ड से जेनरल वार्ड में शिफ्ट नहीं किया जायेगा. इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा पर मेडिकल कालेज अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों के आईसीयू के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है. मेडिकल कालेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों में बेड की क्षमता का 5 से 25 प्रतिशत बेड का आईसीयू होना अनिवार्य होगा.

एक आईसीयू में होंगे अधिकतम 12 बेड

सिविल सर्जन डाॅ नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कुछ दिनों पहले गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के संबंध में एक मामले की सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किया गया है. निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. समिति द्वारा आईसीयू और सीसीयू में भर्ती और इलाज से संबंधित जानकारी विभाग को अपनी अनुशंसा भेजा है. स्वास्थ्य विभाग ने समिति की अनुशंसा को मंजूर करते हुए मेडिकल कालेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों को इसे लागू करने का निर्देश दिया है. अस्पतालों में कुल बेड की क्षमता का 5 से 25 प्रतिशत आईसीयू बेड अनिवार्य किया गया है. एक आईसीयू में 12 बेड से अधिक नहीं हो सकता है. एक बेड से दूसरे बेड की दूरी 150 से 200 वर्ग फीट होनी चाहिए. मरीज के सिर वाले हिस्से में बेड की दूरी दीवार से दो फीट दूर होनी चाहिए. सभी बेड के साथ आधुनिक कार्डियो रेस्पिरेटरी मॉनिटरिंग की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.

चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य

मॉनिटरिंग सिस्टम के सामने नर्स के बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे कि नर्स इसे आसानी से देख सके. आईसीयू में एक वेंटीलेटर पर एक नर्स रहेंगी लेकिन दो बेड पर एक नर्स रह सकती है. वेंटीलेटर मैनेजमेंट में प्रशिक्षित रेजिडेंट डॉक्टर को चौबीस घंटे अनिवार्य रूप से रहने का निर्देश दिया गया है. आईसीयू का संचालन सीनियर डॉक्टर की देखरेख में किया जाएगा. उनकी मदद में पोस्ट ग्रेजुएट के मेडिकल स्टूडेंट रहेंगे. आईसीयू के लिए फिजियोथेरेपिस्ट, डाइटीशियन और बायोमेडिकल इंजीनियर अनिवार्य रूप से रहेंगे. अस्पतालों में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, ब्लड बैंक और फार्मेसी होना चाहिए. आपातकाल और महामारी के समय में अस्पतालों को बेड की क्षमता बढ़ाने की व्यवस्था रखने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में सिविल सर्जन ने कहा कि सदर अस्पताल में डिजिटल एक्स रे, सीटी स्कैन, आक्सीजन प्लांट सहित ब्लड बैंक की सुविधा उपलब्ध है. इसके साथ ही 100 बेड का मॉडल अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. इसे जल्द ही संवेदक हस्तांतरित कर शीघ्र ही चिकित्सीय सेवाएं शुरू कर दी जाएगी. इसके अलावा बीएमएसआईसीएल द्वारा सदर अस्पताल के पुराने आईसीयू भवन के छत पर 10 बेड का प्री-फैब्रीकेटेड आईसीयू निर्माण की भी योजना है. विदित हो कि सदर अस्पताल में वर्तमान में 80 बेड क्रियाशील है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें