मधुबनी : बसैठ बस हादसे के बीते अभी एक साल भी नहीं हुए हैं. बीते साल 19 सितंबर को बसैठ बस हादसा में एक साथ 23 लोगों की मौत हो गयी थी. इसके बाद भी आये दिन लगातार कई हादसे हो रहे हैं. शुक्रवार को एक बार फिर बाबूबरही – खुटौना मुख्य पथ पर बस हादसा हो गया. इसमें एक बच्चे की मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि जिस दौरान बस हादसा हुआ,उस समय बस के छत पर भी कई लोग सवार थे. गनीमत रही कि अधिक जान माल की क्षति नहीं हुइ.
पर इसके बाद भी लोग चेत नहीं रहे हैं. कुछ ही दिन ही हुए है, पर बस चालक , मालिक व बस से यात्रा करने वाले यात्री इस हादसे को शायद भूल गये हैं. शनिवार को को भी मुख्यालय से लेकर विभिन्न प्रखंडों से खुलने वाली बसों में ना सिर्फ सीट से अधिक यात्रियों को बिठाया गया, बल्कि बस के छतों पर भी बैठकर यात्रा करते हैं. पर इसको लेकर अब तक प्रशासन ने कोई पहल नहीं किया है. इससे आने वाले दिनों में दुबारा हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
अब भी छत पर करते हैं यात्रा.हादसे के बाद भी बस के छतों पर बैठकर लोग बेहिचक यात्रा करते हैं. ना तो यात्री को इसमें भय हो रहा है, ना बस चालक या बस प्रबंधन ही इस पर पहल कर रही है और ना ही परिवहन विभाग ही इस पर रोक लगाने के लिये कोई कदम उठा रहा है. शनिवार को भी मधुबनी से खुलने वाली कई बसों के छत पर यात्रियों के बैठे देखा गया.
सीट से अधिक यात्री . ऐसा नहीं कि छत पर शौक से लोग बैठे थे. बल्कि बस के अंदर सीट पर जगह नहीं रहने के कारण इन लोगों को बस के छत पर यात्रा करनी पड़ी. छत पर ही सामान रखा जाता है और यहीं पर यात्री भी किसी तरह बैठ जाते है. कई बसों में गेट पर तो पीछे के सीढी पर भी यात्री लटक कर यात्रा करते हुए देखे जाते हैं.
अधिक गति से चलाने पर भी दंड का है प्रावधान . परिवहन विभाग शहर में निर्धारित गति से अधिक गति में बस या अन्य वाहन चलाने पर भी दंड निर्धारित करेगी. दरअसल शहर में निर्धारित गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घंटा है. पर अधिकांश बस चालक के द्वारा इसका पालन नहीं किया जाता है.
लाल पर्ची काटने तक सिमटी कार्रवाई. ओवर लोडिंग को लेकर विभाग लाल पर्ची काटने व बस संचालकों से अर्थदंड वसूल करने तक सिमट कर रह गयी है.
हालांकि मोटर वाहन संघ के अध्यक्ष उमाशंकर ठाकुर उर्फ मुन्ना ठाकुर का कहना है कि यात्री बस के छत पर जबरन बैठ जाते हैं, और विभाग ओवर लोडिंग की कार्रवाई संचालकों पर करती है. अमूमन हर दिन दर्जनों की संख्या में लाल पर्ची काटी जा रही है. वहीं परिवहन विभाग का कहना है कि जब तक बस संचालक यात्रियों का टिकट काट कर नहीं थमाते हैं हमारे पास यह कानूनन अधिकार ही नहीं है कि हम किसी यात्री को अर्थ दंड लगाये.
अिधकारियों के आदेश पर अमल नहीं
छत पर यात्रा करनेवालों पर नहीं हुई कार्रवाई
इधर, बस चालकों व मालिकों का कहना है कि बस के छत पर जबरन यात्री बैठ जाते हैं. मना करने पर बस चालक व मालिक के साथ दुर्व्यवहार भी किया जाता है. इस बात की जानकारी बस मालिकों ने परिवहन विभाग से की है. हालांकि इससे पूर्व भी इन बस संचालकों ने बसैठ हादसे के बाद विभाग के सामने अपनी इस समस्या को रखा था.
उस समय विभाग द्वारा दिये गये आश्वासन के पर अब तक एक भी दिन पहल नहीं हो सकी है. विभागीय अधिकारी ने यह बात कही थी कि बस के छत पर बैठने वाले यात्रियों पर ही अब कार्रवाई की जायेगी.
एमवीआई ने बस चालकों को यह निर्देश दिया था कि यदि बस के छत पर यात्री जबरन चढ़ते हैं तो नजदीकी थाना पर जाकर बस को लगा दें. फिर थाना पुलिस उन यात्रियों के उपर कार्रवाई करेगी. एमवीआइ सुजीत कुमार ने बताया है कि बस मालिकों के द्वारा सीट से अधिक या छत पर यात्री को बैठाने पर चलान काटा जाता है, वहीं यात्रियों के उपर भी अब दंड निर्धारण किया जायेगा.
परमिट कहीं का, बस चलती है किसी और रूट पर
बस के परिचालन में नियम की धज्जियां उड़ा कर बस विभिन्न रूटों पर चलायी जा रही है. परमिट किसी और जगह का होता है और बस का परिचालन किसी और जगह का. इस बात का खुलासा कई बार हो चुका है. बीते साल 19 सितंबर को हुए बसैठ बस हादसे के बाद सामने आयी थी.
बस के परिचालन व सुरक्षित यात्रा को लेकर परिवहन विभाग या प्रशासन के द्वारा कभी कोई पहल नहीं की जाती है. यहीं कारण है कि एक तो बस में सीट से अधिक यात्रियों को बैठाया जाता है, दूसरी परमिट की अवहेलना कर के भी बसों का परिचालन किया जाता है.
जांच में छह बस जब्त
शनिवार को परिवहन पदाधिकारी सुजीत कुमार ने बेनीपट्टी मधुबनी सड़क में ओवरलोडिंग जांच की. इसमें क्षमता से अधिक यात्री को बिठाये जाने के आरोप में छह बस संचालकों का लाल पर्ची काटा गया. सुजीत कुमार ने बताया है कि यह अभियान लगातार चलाया जा रहा है.