एक करोड़ खर्च होने के बाद भी हाइटेंशन तार में नहीं लगा बंच केबुल, हादसे में जा रही जान
Advertisement
और मौत का इंतजार कर रहा विभाग !
एक करोड़ खर्च होने के बाद भी हाइटेंशन तार में नहीं लगा बंच केबुल, हादसे में जा रही जान मधुबनी : क्षतिग्रस्त, झूलते बिजली तार से बीते कुछ सालों में दर्जनों लोगों की मौत हो गयी है. पर इसके बाद भी अब तक विभाग नहीं चेत रहा है. शनिवार को भी मंगरौनी दक्षिण टोले में […]
मधुबनी : क्षतिग्रस्त, झूलते बिजली तार से बीते कुछ सालों में दर्जनों लोगों की मौत हो गयी है. पर इसके बाद भी अब तक विभाग नहीं चेत रहा है. शनिवार को भी मंगरौनी दक्षिण टोले में हाइटेंशन तार टूट जाने से एक साथ दो युवकों की मौत हो गयी. इसको लेकर एक बार फिर लोगों में आक्रोश पनपने लगा है. लाख प्रयास और लाखों खर्च के बाद भी जर्जर तार से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है. मुख्यालय से लेकर गांव कस्बों तक में आज भी हाइटेंशन तार इस कदर नीचे लटका है कि वाहन भी इसमें छू जाता है.
एक करोड़ खर्च, पर समस्या जस की तस . हाइटेंशन तार के टूटने या इसके संपर्क में आने से कोइ हादसा ना हो इसको लेकर विभाग के द्वारा बंच केबुल लगाने की पहल शुरू की गयी. शहर में किया गया. पर बीते दो साल में इसका काम पूरा नहीं हो सका है. आलम यह है कि पूर्व में जिस एजेंसी से अनुबंध था वह एजेंसी भी काम बीच में ही छोड़ दिया है. अब नये सिरे से दूसरे एजेंसी का काम सौंपा गया है. जानकारी के अनुसार वर्ष 15-16 में जिकेसी प्रोजेक्ट को मुख्यालय मे तार पोल एवं बंच केबुल लगाने को लेकर अनुबंधित किया गया था, उक्त प्रोजेक्ट को शहरी क्षेत्र में 500 मीटर 11 हजार नया तार लगाना था. जबकि 10 किलो मीटर एलटी लाइन में बंच केबुल सहित चिन्हित जगह पर पोल व ट्रांसफॉर्मर भी इसी को लगाना था.
जिकेसी ने नहीं किया काम. आईपीडीएस प्रोजेक्ट के कार्यपालक अभियंता सुभाष कुमार प्रसाद ने बताया कि जिकेसी का कार्य दिसंबर 16 में खत्म हो गया. प्रोजेक्ट द्वारा शहरी क्षेत्रों मे लगभग 7 किलो मीटर बंच केबुल लगाया गया.
जबकि 300 मीटर 11 हजार लाइन ंमे तार बदलने का काम भी किया गया. नार्थ बिहार कम्पनी द्वारा इस बाबत लगभग एक करोड़ रुपया प्रोजेक्ट को भुगतान किया गया. आईपीडीएस के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि सर्वे के आधार पर जितने जगहों पर काम बाकी है. उस जगह पर नए सिरे से काम शुरू किया जायेगा.
अब भी बांस-बल्ले पर बिजली की आपूर्ति. नार्थ बिहार पावर कंपनी बास बल्ले से बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बंद करने को लेकर लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन अभी भी कई सघन बस्ती में बांस बल्ले पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है. शहरी क्षेत्र के हार्ट हास्पिटल, तिलिया कॉलोनी, मंगरौनी कुटी चौक, रांटी , लहेरियागंज मे बांस बल्ला पर बिजली की आपूर्ति हो रही है.
एक दर्जन से अधिक लोगों की हुई मौत
जर्जर तार से आये दिन हादसे हो रहे हैं. पर इसके बाद भी इसे दुरुस्त करने की पहल नहीं हो रही. जानकारी के अनुसार हाइटेंशन बिजली तार गिरने से जयनगर अनुमंडल में पिछले साल छठ पर्व के दिन 8 व्यक्तियों का मौत हो गयी. पर आज भी पूरे बाजार व ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर, नीचे झूल रहे तार उसी प्रकार हादसों को आमंत्रित कर रही है. इसी प्रकार राम जानकी कॉलोनी में एक युवक की मौत हो गयी. वहीं बेलाही में तार की चपेट में आने से भोला पासवान के बेटा का मौत हो गया था. इससे पूर्व 11 नंबर गुमती के समीप मछली मारने के दौरान हाइटेंशन तार के संपर्क में आने से मलंगिया निवासी की मौत हो गयी थी. वहीं 14 अप्रैल को राजनगर में ही एक युवक की चापाकल लगाने के दौरान 11 हजार पावर के तार में पाइप के छू जाने से एक युवक की मौत हो गयी थी. इसी प्रकार 15 अप्रैल को मंगरौनी में दो युवक बिजली के 11 हजार पावर के तार टूटने से उसके चपेट में आने से मौत हो गयी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement