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शहीद विकास को दी अंतिम विदाई

शहादत को सलाम. अंतिम संस्कार में शामिल हुए हजारों की संख्या में लोग झंझारपुर : देश की सीमा की रक्षा करते हुये शहीद विकास कुमार मिश्र को शनिवार को अंतिम विदाई दी गयी. इससे पहले सुबह उनका पॉर्थिव शरीर पटना से पैतृक गांव रैयाम पहुंचा, तो लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. हजारों की संख्या में […]

शहादत को सलाम. अंतिम संस्कार में शामिल हुए हजारों की संख्या में लोग

झंझारपुर : देश की सीमा की रक्षा करते हुये शहीद विकास कुमार मिश्र को शनिवार को अंतिम विदाई दी गयी. इससे पहले सुबह उनका पॉर्थिव शरीर पटना से पैतृक गांव रैयाम पहुंचा, तो लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. हजारों की संख्या में लोगों ने शहीद के अंतिम दर्शन किये और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद विकास की अंतिम यात्र शुरू हुई, जिसमें भी हजारों की संख्या में लोग शामिल हुये. मुखाग्नि विकास के बड़े भतीजे अनमोल ने दी. राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

शहीद विकास का पार्थिव शरीर शनिवार को सुबह करीब आठ बजे पैतृक गांव पहुंचा. गांव के युवक सकरी पहुंच गये थे. वहीं से शहीद विकास के पार्थिव शरीर के साथ आये. इस दौरान शहीद विकास अमर रहे के नारे

शहीद विकास को

लगाये

जा

रहे थे. युवा हाथों में तिरंगा झंडा लिये थे और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे. पाकिस्तान के प्रति इनमें गुस्सा था. इसका इजहार भी नारेबाजी के जरिये कर रहे थे.

इलाके के लोगों को पहले से जानकारी थी. इस वजह से विकास के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. एनएच-57 से रैयाम गांव तक लोग सड़क के किनारे खड़े थे. ये लोग फूल-माला लिये हुये थे और शहीद को अंतिम विदाई दे रहे थे. कई जगहों पर इतनी भीड़ थी कि लोगों को खड़े होने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी. लोग विकास की शहादत को याद कर रहे थे. साथ ही उन पर गर्व जता रहे थे. परचितों की आंख में आंसू थे. कैसे विकास उनके साथ बात करते थे. उसे याद कर रहे थे. साथ ही शहीद विकास अमर रहे के नारे भी गूंज रहे थे.

बीएसएफ 96 बटालियन के एएसआइ विमलेंद्र कुमार पार्थिव शरीर को श्रीनगर से आये थे. विकास का पार्थिव शरीर शुक्र वार को 12.20 बजे सेना के विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हुआ, जो दिन में 1.35 बजे दिल्ली पहुंचा. इसके बाद दिल्ली में उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. इसके बाद पटना के लिए रवाना हुआ. पटना के बाद एनडीआरएफ के विशेष वाहन से उनका पार्थिव श्रीर पैतृक गांव रैयाम लाया गया.

रैयाम में पहले से ही लोग विकास के अंतिम दर्शन का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही एनडीआरएफ की गाड़ी उनके पार्थिव शरीर के साथ गांव पहुंची. शहीद विकास अमर रहे के नारे गूंजने लगे. हजारों की संख्या में लोग विकास के पैतृक आवास के आसपास इकट्ठा थे. जैसे ही मां ने बेटे का शव देखा, वो चीत्कार मार कर रो पड़ी. इससे परिवार के अन्य सदस्य भी खुद को नहीं रोक पाये. विकास की बहनें, भाई, भाभी व भतीजे समेत परचितों की आंखों में आंसू आ गये. युवाओं में पाकिस्तान के खिलाफ आक्र ोश था. इस दौरान पाकिस्तान के विरोध में नारे लगाये जा रहे थे.

भतीजे ने दी मुखाग्नि, जवानों ने

दिया गॉर्ड ऑफ ऑनर

युवाओं ने बरसाये फूल

शहीद विकास का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो वहां युवाओं ने फूल बरसा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. सैकड़ों की संख्या में लोगों ने विकास पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किये. इसके बाद उनकी अंतिम यात्र शुरू हुई. अंतिम संस्कार मध्य विद्यालय के पास बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. इसकी वजह से वहां जगह कम पड़ गयी. जिला प्रशासन की

युवाओं ने बरसाये

ओर से डीएम गिरिवल दयाल सिंह व एसपी को आना था, लेकिन दोनों अधिकारी मुखाग्नि के बाद अंतिम संस्कार स्थल पर पहुंचे. इसके बाद डीएम व एसपी ने विकास के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से 11 लाख का चेक दिया.

विकास के नाम पर होगी पैटघाट-रैयाम सड़क

शहीद विकास के नाम पर पैटघाट-रैयाम सड़क का नामकरण किया जायेगा. इसकी जानकारी डीएम गिरिवर दयाल सिंह ने की. चार किलोमीटर लंबी इस सड़क का नाम शहीद विकास पथ करने का प्रस्ताव डीएम की ओर से राज्य सरकार को भेजा जायेगा. साथ ही डीएम ने कहा कि विकास ने देश की रक्षा करते हुये शहादत दी है. पूरा देश उनके साथ है.

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