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करोड़ों का कारोबार चौपट

मधुबनीः पांच सूत्री मांगों को लेकर दूसरे दिन जारी रहा बैंक कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल. दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का जिले में व्यापक रूप से देखा गया. बैंक कर्मियों ने शहर में जुलूस निकाला व सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. सैकड़ों बैंक कर्मियों ने जुलूस के साथ स्टेट बैंक एडीबी शाखा, आइडीबीआइ, […]

मधुबनीः पांच सूत्री मांगों को लेकर दूसरे दिन जारी रहा बैंक कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल. दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का जिले में व्यापक रूप से देखा गया. बैंक कर्मियों ने शहर में जुलूस निकाला व सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की.

सैकड़ों बैंक कर्मियों ने जुलूस के साथ स्टेट बैंक एडीबी शाखा, आइडीबीआइ, आइसीआइसीआइ, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, ग्रामीण बैंक सहित अन्य बैंक शाखा कार्यालय के समक्ष जम कर वित्त मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की. हड़ताल के कारण जिले में दो सौ करोड़ से अधिक कारोबार बाधित हुआ. इस दौरान यूनाइटेड फोरम के संयोजक रमा शंकर प्रसाद ने कहा कि मांगों को सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया जिसके कारण कर्मियों को हड़ताल पर जाना पाना. फोरम के अध्यक्ष अवधेश प्रसाद ने कहा कि अगर अब भी मांगे नहीं मानी गयी तो आंदोलन को और तेज किया जायेगा.

सचिव माधव झा ने हड़ताल के सफल बनाने के लिए बैंक कर्मियों को बधाई दी. उन्होंने कर्मियों से चट्टानी एकता बनाये रखने की अपील की. इधर, भारतीय स्टेट बैंक पेंसनर्स एसोसिएशन जिला इकाई की सक्रिय सहभागिता हड़ताल कर्मियों के साथ रही. प्रदर्शन में भाग लेने वालों में बाल मुकुंद शर्मा, कौशल झा, के एन सिंह, उदय सिंह, राघव कुमार चौधरी, विश्वजीत चौधरी, टी एन मिश्र, यू एन सिंह, दिनेश मंडल, राम कुमार ठाकुर, रिंकू कुमार गुप्ता, जितेंद्र कुमार राय, सूर्य नारायण पंजियार, मिथिलेश मंडल, राम कुमार सिंह, वाई के ठाकुर, एम आलम, अशोक वर्मा, एन सी मिश्र, प्रमोद झा, रितेश कुमार सहित अन्य शामिल थे.

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर पांच सूत्री मांगों को लेकर दूसरे दिन भी बैंक में ताला लटका रहा. इनके प्रमुख मांगों में वेतन पुनरीक्षण, बैंकिंग सुधारों पर रोक लगाने, अनुकंपा के आधार पर आश्रितों को नौकरी दिये जाने सहित अन्य शामिल है.

एटीएम का गिरा रहा शटर

हड़ताल का असर जिले के एटीएम पर भी दिखा. कई जगहों पर सोमवार को एटीएम में पैसे तो थे लेकिन शटर गिरे हुए थे. हड़ताल के दूसरे दिन शहर के सभी एटीएम प्राय: बंद थे. लोगों को काफी परेशानी ङोलनी पड़ी. लोग एक जगह से दूसरे एटीएम का चक्कर लगाते रहे.

व्यापारी व उपभोक्ता परेशान

बैंक हड़ताल का आम उपभोक्ता सहित व्यापारी वर्ग पर व्यापक असर देखा गया. वहीं छात्र फॉर्म भरने के लिए परेशान दिखे. छात्र नेहा कुमारी बताती है कि रेलवे व बैंकिंग का फॉर्म भरना था लेकिन बैंक बंद रहने के कारण ड्राफ्ट नहीं बन सका. लगता है कि अब परीक्षा से वंचित रहना पड़ेगा. लालू मिश्र बताते हैं कि बेटी की शादी के लिए मार्केटिंग करना था. लेकिन बैंक बंद रहने से खरीदारी नहीं कर सका.

उपभोक्ता रवि कुमार बताते हैं कि सरकार की गलत नीति के कारण यह हड़ताल हुई है. बैंक बंद रहने से काफी परेशानी हो रही है. वहीं विनय कुमार बताते हैं कि बेटी की विदाई के लिए कपड़े व गहने खरीदना था. महाजन से सूद पर पैसा लेकर खरीदारी की है.

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