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एंबुलेंस बंद रहने के मामले में कार्रवाई

मधुबनी : प्रभात खबर में विगत 31 अगस्त को ‘ 11 एंबुलेंस छह माह से पड़े हैं सर्विस सेंटर में ‘ नामक शीर्षक से छपी खबर को सदर अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता से लिया है. इस मामले में सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल फुलपरास व प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र कलुआही के प्रभारी […]

मधुबनी : प्रभात खबर में विगत 31 अगस्त को ‘ 11 एंबुलेंस छह माह से पड़े हैं सर्विस सेंटर में ‘ नामक शीर्षक से छपी खबर को सदर अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता से लिया है.

इस मामले में सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल फुलपरास व प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र कलुआही के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से एंबुलेंस परिचालन बंद रहने के कारण स्पष्टीकरण की मांग किया है. साथ ही इस मामले में लापरवाही बरते जाने के कारण वेतन मद से 10 फीसदी राशि की कटौती करने का आदेश दिया है. सीएस ने समीक्षा कार्यक्रम में 102 एंबुलेंस सेवा का परिचालन बंद पाया.
इस आशय की जानकारी देते हुए डा. झा ने बताया कि 102 एंबुलेंस के मरम्मति में आने वाले व्यय की स्वीकृति देने के बावजूद भी उक्त संस्थान का 102 एंबुलेंस का परिचालन बंद है. जिसके बाद उपाधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग 24 घंटे के अंदर देने का निर्देश सीएस ने दिया. साथ ही सीएस ने लापरवाही के कारण वेतन से 10 फीसदी राशि की कटौती करने का भी जिक्र किया है.
वेतन कटौती का निर्देश
सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने बताया कि 102 एंबुलेंस सेवा परिचालन बंद है. जिसके कारण मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं को अस्पताल आने व वापस जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल फुलपरास व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कलुआही के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण के साथ वेतन कटौती का निर्देश दिया गया है. उक्त दोनों संस्थानों के 102 एंबुलेंस के मरम्मति की स्वीकृति पूर्व में ही दे दी गई. बावजूद इसके उक्त संस्थानों में 102 एंबुलेंस सेवा परिचालन ठप है. जो संबंधित पदाधिकारी की लापरवाही को दर्शाता है.
अनुमंडलीय अस्पताल फुलपरास व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कलुआही से सीएस ने पूछा स्पष्टीकरण
लापरवाही बरते जाने के कारण वेतन का दस फीसदी राशि भी कटेगी
कैसे होता है 102 एंबुलेंस की मरम्मत का निर्णय
जिले में पीएचसी में उपलब्ध 102 एंबुलेंस के मरम्मति का निर्णय तीन स्तरों पर होता है. 15 हजार तक प्राक्कलित व्यय प्रतिवेदन मोटरयान निरीक्षण से प्रमाणित कर उसे संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी या उपाधीक्षक नियमानुसार अपने स्तर से करवा सकते है. जबकि 15 हजार से उपर व 50 हजार से नीचे की राशि का प्रतिवेदन जिलास्तरीय कमिटी जिसकी अध्यक्षता सीएस व सदस्य एसीएमओ व डीपीएम के द्वारा निर्णय के पश्चात स्वीकृति दिया जाता है. 50 हजार से उपर व 1 लाख तक प्रतिवेदन जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति जिसमें जिला परिवहन पदाधिकारी व सीएस सदस्य होते है. उनके निर्णय के पश्चात स्वीकृति दी जाती है. 1 लाख से उपर के प्रतिवेदन पर राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्णय के अनुरूप कार्य होता है.

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