शहर के तिरहुत कॉलोनी आम तौर पर सबसे महंगा कॉलोनी माना जाता रहा है. यहां अधिकांश घर अधिकारियों, अधिवक्ता व सम्मानित ओहदे पर रहने वालों का है. इसी कॉलोनी के बीच में स्थित है पार्क. पर इसका स्वरूप ऐसा बन जायेगा यह किसी ने शायद सोचा भी नहीं होगा. पूरे पार्क में इस कदर जलकुंभी है कि लगता ही नहीं कि यह पार्क है या फिर तालाब.
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सौंदर्यीकरण की योजना पर ग्रहण
शहर के तिरहुत कॉलोनी आम तौर पर सबसे महंगा कॉलोनी माना जाता रहा है. यहां अधिकांश घर अधिकारियों, अधिवक्ता व सम्मानित ओहदे पर रहने वालों का है. इसी कॉलोनी के बीच में स्थित है पार्क. पर इसका स्वरूप ऐसा बन जायेगा यह किसी ने शायद सोचा भी नहीं होगा. पूरे पार्क में इस कदर जलकुंभी […]
मध्ुबनी : एक्कीस नंबर वार्ड में यूं तो सबसे अधिक राशि की योजना से काम किया गया है. चार साल में चालीस लाख रुपये खर्च हुए हैं. तेरह सड़के बनी और भी कई काम हुआ. पर इसके बाद भी सबसे महत्वपूर्ण स्थल की अब तक अनदेखी ही हुई. तिरहुत कॉलोनी में सालों पूर्व की बनी पार्क है. हमेशा से उपेक्षित. नये बोर्ड का गठन जब साल 2012 में हुई तो ऐसा लगा मानों इस पार्क के उद्धार का भी समय आ गया है. एक साल बीता, दो साल बीता, साल दर साल समय गुजरता गया,
नप के इस बोर्ड के चार साल बीत गये है. पर इस पार्क का उद्धार नहीं हो सका. मालूम हो कि इस शहर में एक भी ऐसा पार्क नहीं है, जहां लोग दो पल सुकून से बिता सकें. ऐसे में इस पार्क के बनने की संभावना से लोगों में खुशी थी. पर यह खुशी लोगों की अब समाप्त हो गयी है. वार्ड पार्षद ने बताया है
कि नये बोर्ड के चार साल के कार्यकाल में सात बार इस पार्क के सौंदर्यीकरण व ठीक करने का प्रस्ताव दिया गया. पर अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला, काम नहीं हो सका. इस वार्ड की एक समस्या और भी गंभीर है. वह है जल जमाव. तिरहुत कॉलोनी, बिजली कॉलोनी के लोगों का बारिश के मौसम में रहना दूभर हो जाता है. घुटने तक पानी जमा हो जाता है. घरों मे सांप कीड़े का बसेरा अलग से. ऐसे में लोगों की जान पर बन जाती है.
नाले की खुदाई से परेशानी
जल जमाव से निजात दिलाने की सालों बाद नप ने पहल किया. कोर्ट परिसर से लेकर एस पी कोठी तक सड़क किनारे नाले की खुदाई कर दी गयी. पर इसके करीब एक माह होने को हैं, अब तक ना तो नाले का पक्कीकरण किया गया और ना ही इसके ढंकने की ही पहल हो सकी है. जिस कारण अब यह दुर्घटना का कारण बनता जा रहा है.
सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव मंजूर नहीं, जलजमाव से परेशानी
हमें बताएं समस्या
‘प्रभात खबर’ स्कैन टीम आज वार्ड नंबर 22 में रहेगी़ इस दौरान वार्ड की समस्याओं पर टीम फोकस करेगी़ वार्डवासियों से उनकी समस्याओं पर बात होगी़ अगर आपके वार्ड में कोई समस्या है, तो आप हमें व्हाट्सएप करें. हम आपके फोटो के साथ उसे प्रकाशित करेंगे. 9472928085
वार्ड के मुकेश कुमार झा बताते हैं कि लोगों को उम्मीद थी कि नये बोर्ड गठन के बाद तिरहुत कॉलोनी के पार्क का सौंदर्यीकरण हो जायेगा पर अब उम्मीद टूट चुकी है.
सुमित कुमार बताते हैं कि नप ने जल जमाव से निजात दिलाने के लिये नाले की खुदाई कर दी. इससे लोगों को राहत कम परेशानी अधिक हो गयी है. पीछे जल जमाव आगे गढा बन गया है.
सुरेश कुमार बताते हैं कि इस वार्ड में मात्र सात चापाकल ही हैं. जिस कारण लोगों को पेयजल की भी परेशानी होती है. लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
सुरेंद्र कुमार राय बताते हैं कि वार्ड की एक मात्र समस्या सबसे गंभीर थी. पार्क, पर इसे भी नप ने ठीक नही कराया. चार साल में सात बार जिस योजना का प्रस्ताव दिया गया उस योजना का क्रियान्वयन नहीं हो सका.
वार्ड 21 एक नजर में
आबादी : 4400
परिवार की संख्या : 356
बीपीएल : 117
अंत्योदय : 4
मुख्य मुहल्ला : तिरहुत कॉलोनी, रेड क्रॉस रोड, भूप नारायण सिंह कॉलोनी, साकेत बिहार, बिजली कॉलोनी,
वार्ड पार्षद : रुबी सिंह
चापाकल की संख्या : 12
खराब चापाकल : 05
वेपर लाइट : 46
खराब वेपर लाइट : 26
प्राथमिक विद्यालय : 01
मध्य विद्यालय : 00
उच्य विद्यालय : 01
कॉलेज : 00
सामुदायिक शौचालय : 00
विवाह भवन : 00
सात बार योजना देने के बाद भी नहीं मिली मंजूरी
चार साल में वार्ड के विकास के लिए हर स्तर पर पहल की है. बात पार्क की है तो चार साल में उन्होंने अपने स्तर से कहीं भी कोताही नहीं बरती है. हर जगह इस मु्द्दे को जोरदार तरीके से उठायी है. बैठक में सात सात बार योजना को दिया गया. पर आज तक नतीजा शून्य ही है.
रूबी सिंह, वार्ड पार्षद
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