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967 मामलों में 676 का निष्पादन

मधुबनी : महिला उत्पीड़न का मामला साल दर साल बढ़ता जा रहा है. महिला हेल्पलाइन में आने वाले मामलों का आंकड़ा बयां कर रहा है कि विगत तीन चार सालों में महिलाओं के साथ अत्याचार किये जाने की प्रवृति बढ़ती जा रही है. हालांकि इसमें कई मामलों का निपटारा आपसी समझौते के साथ भी कराये […]

मधुबनी : महिला उत्पीड़न का मामला साल दर साल बढ़ता जा रहा है. महिला हेल्पलाइन में आने वाले मामलों का आंकड़ा बयां कर रहा है कि विगत तीन चार सालों में महिलाओं के साथ अत्याचार किये जाने की प्रवृति बढ़ती जा रही है. हालांकि इसमें कई मामलों का निपटारा आपसी समझौते के साथ भी कराये गये हैं. पर आज भी कई ऐसे मामले हैं जिसमें पीडि़त महिलाओं को न्याय नहीं मिल सका है.

सात साल में 967 मामले
महिला हेल्प लाइन के अनुसार पिछले सात साल में महिला उत्पीड़न से संबंधित 967 मामले हेल्पलाइन में आये हैं. साल 2009 से मार्च 2016 तक 967 मामले सामने आये. इसमें घरेलू हिंसा की मामले सबसे अधिक हैं. आंकड़ों के अनुसार घरेलू हिंसा के 496 मामले, दहेज प्रताड़ना से संबंधित 96 मामले, अन्य 307, यौन शोषण के 23, दूसरा विवाह संबंधित 15 मामला एवं दहेज प्रथा के मात्र एक मामले महिला हेल्पलाइन में आये हैं.
हो रहा निबटारा
महिला हेल्प लाइन में आने वाले मामलों का निबटारा इन दिनों मोबाइल काउंसेलिंग के माध्यम से किया जा रहा है. आंकड़ों के अनुसार 967 मामलों में से 676 मामलों का निष्पादन हेल्पलाइन के द्वारा किया गया है. इन सालों में घरेलू हिंसा के 359 मामलों, दहेज हत्या के एक मामले, दहेज प्रताड़ना के 65 मामले, दूसरा विवाह संबंधित 9 मामले, संपत्ति से संबंधित 3 मामले, यौन शोषण से संबंधित 18 मामले, एवं अन्य 215 मामलों का निबटारा किया गया है. हालांकि इसमें संसाधन की कमी के कारण काफी परेशानी हो रही है. महिला हेल्पलाइन में संसाधन का घोर अभाव है. तीन स्वीकृत पद के विरुद्ध मात्र एक महिला काउंसेलर हैं. जो अपने सरकारी मोबाइल के जरिये आने वाले मामलों का निष्पादन करती हैं.
आपसी सुलह से िनबटारा
महिला हेल्प लाइन के काउंसेलर वीणा चौधरी बताती है कि हेल्पलाइन में आने वाले मामलों में अधिकांश का निबटारा आपसी सुलह द्वारा किया जा रहा है. इससे परिवार के बीच प्रेम भाव बढ़ता है और कलह भी समाप्त हो जाता है. कई मामलों का निष्पादन कर दिया गया है.
एक काउंसेलर के सहारे हेल्पलाइन
बढ़ रहा आंकड़ा
वित्तीय वर्ष मामले
2009 -10 91
2010 – 11 75
2011 – 12 143
2012 – 13 177
2013 – 14 174
2014 – 15 183
2015- 16 154
(आंकड़ा मई तक का )
चालू सत्र में छह मामलों का निष्पादन
चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 15 मामले सामने आये हैं. इनमें से आपसी समझौते के तहत काउंसलर वीणा चौधरी ने 6 मामलों में सुलह करा दिया है. जबकि अन्य मामलों के निष्पादन की पहल चल रही है. वर्तमान काउंसेलर ने अपने कार्यकाल में करीब 200 मामलों का निष्पादन काउंसेलिंग के माध्यम से करायी है.

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