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भ्रष्टाचार को डीडीसी दे रहे संरक्षण : जिप अध्यक्ष

आमने सामने जिप व प्रशासनिक अधिकारी मधुबनी : जिला परिषद अध्यक्ष पति द्वारा डीडीसी व जिप कर्मी द्वारा कथित तौर पर किये जा रहे दुर्व्यवहार व धमकी दिये जाने का मामला गरमाता जा रहा है. इस मुददे को लेकर तीन तीन खेमा बन गया है. दो खेमा जिप का है तो एक खेमा प्रशासनिक अधिकारी […]

आमने सामने जिप व प्रशासनिक अधिकारी

मधुबनी : जिला परिषद अध्यक्ष पति द्वारा डीडीसी व जिप कर्मी द्वारा कथित तौर पर किये जा रहे दुर्व्यवहार व धमकी दिये जाने का मामला गरमाता जा रहा है. इस मुददे को लेकर तीन तीन खेमा बन गया है. दो खेमा जिप का है तो एक खेमा प्रशासनिक अधिकारी का. हालांकि इसमें जिप अध्यक्ष के पति के विरोध में जिप के कई सदस्य, विधायक व प्रशासनिक अधिकारी व कर्मी हैं तो दूसरी ओर जिप अध्यक्ष के समर्थक का अलग खेमा बना हुआ है. सूत्रों के अनुसार विगत दिनों जिप अध्यक्ष पति द्वारा जिप कर्मियों को नप के नये भवन को खाली करने की दिये चेतावनी को देखते हुए जिप कर्मियों ने अपना बोरिया बिस्तर तक बांध लिया है. कब इस मुद्दे को लेकर विवाद फंस जाये यह कहा नहीं जा सकता है. जिप प्रशासनिक अधिकारी व जिप अध्यक्ष का खेमा आमने सामने आ गया है.
जिप अध्यक्ष ने लगाया डीडीसी पर आरोप: अब जिप अध्यक्ष शीला देवी मंडल ने डीडीसी द्वारा उनके पति पर लगाये गये आरोप का खंडन करते हुए खुद डीडीसी पर अराजकता को बढावा व संरक्षण देने का आरोप लगाया है. सोमवार को अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में बैठक आयोजित की गयी. जिसमें कइ सदस्य शामिल हुए. इस दौरान जिप अध्यक्ष ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि डीडीसी ने कार्यालय में कथित तौर पर व्याप्त अराजकता और भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं. जिस कारण अराजकता की स्थित कार्यालय में है. इसका एक उदाहरण यह है कि वैद्य देवानंद मिश्र से सहायक के रूप में काम ले रहे हैं. इसके साथ ही अन्य कई प्रकार की अनियमितता बरतने वाले कर्मी को डीडीसी संरक्षण दे रहे हैं. अध्यक्ष शीला देवी मंडल ने कहा है कि पूर्व में ही जिला परिषद के अभियंता ने अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के कार्यालय भवन के बार में अपनी रिपोर्ट जारी कर दिया है्. जिस कारण इस भवन को खाली करने की बात की गयी. कभी भी इसके टूट कर गिरने की संभावन है. पर डीडीसी ने इसकी भी अनदेखी की है. बैठक में विक्रमशीला देवी, काजल कुमारी,खुशबू कुमारी, रूबी देवी, गीता देवी सहित कई अन्य सदस्य शामिल थे.
बीच में फंसे कर्मी: इधर डीडीसी ने इन कर्मियों को फरमान जारी करते हुए बिना उनके आदेश या जानकारी में कोई भी पहल नहीं करने की हिदायत दी है. ऐसी स्थिति में जिप कर्मी बुरे फंस गये है. सोमवार को एक ओर जहां जिप अध्यक्ष के कार्यालय कक्ष में सदस्यों का जमाबड़ा लगा रहा, वहीं कर्मी भी हर स्थित से निपटने की तैयारी में रहे.
जिप सदस्य ने जतायी जतायी आपत्ति: तीसरी ओर विरोधी खेमा के सदस्य व नेताओं के द्वारा प्रतिक्रिया का दौड़ चलता रहा. जिप सदस्य अनीता देवी ने कहा है कि जिप में इस प्रकार की अराजकता और शिकायत अक्षम और अकुशल नेतृत्व का परिणाम है. जब पंचायती राज व्यवस्था में प्रतिनिधि को चुन कर भेजे जाने और प्रतिनिधित्व करने का प्रावधान दिया गया है तो किसी पद और संस्था के अध्यक्ष के पति के द्वारा आदेश निर्देश जारी करना सरासर अनुचित है. खास कर अधिकारियों व कर्मियों के साथ उन्होने इस मामले की व्यापक तौर पर जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग जिला प्रशासन व जिप अध्यक्ष से की है.

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