मधुबनी : स्थानीय रीजनल सेकेंडरी स्कूल के सभागार में साइंटिफिक एडुकेशन एवं पाश्चात्य भारतीय शिक्षा पद्धति विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. विद्यालय के निदेशक आरएस पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सैम हयूस्टन स्टेट यूनिवर्सिटी टेक्सास यूएसए के प्रोफेसर मधुसुदन चौधरी ने कहा कि पश्चिमी देशों में क्लास रूम टीचिंग के बजाय अब ग्रुप टीचिंग पर जोर दिया जाता है जिसमें अध्ययन बिंदु पर भाग लेने वाले सभी छात्र स्वतंत्र चिंतन कर निष्कर्ष पर पहुंचने की चेष्टा करते है.
प्रो. चौधरी ने कहा कि शिक्षक इसमें मेंटर की भूमिका अदा करते हुए छात्र- छात्राओं के सोच की दिशा को निर्देशित करने का काम करते हैं. छात्रों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के जवाब प्रो. चौधरी ने इस कौशल के साथ दिया. जिससे ऐसा लगा कि वे समग्र विषयों पर समान अधिकार रखते हो.
रीजनल सेकेंडरी स्कूल के छात्र- छात्राएं एवं शिक्षकों की जिज्ञासा एवं अध्ययनशीलता की काफी सराहना की. उन्होंने इस विद्यालय सहित भारत में शोधकारी शिक्षा व्यवस्था लागू किये जाने की बात पर जोर दिया. निदेशक आरएस पांडेय ने कहा प्रो. चौधरी ने इस संगोष्ठी के माध्यम से बच्चों को आधुनिक शिक्षा एवं छात्रों में सिखने की कला विकसित करते का मार्ग प्रशस्त किया. विद्यालय परिवार उनका ऋणी रहेगा. प्राचार्य मनोज कुमार झा ने कहा कि इनके व्याख्यान से विद्यालय के शिक्षा पद्धति को एक नया गति मिलेगा.