मधुबनी : विश्व प्रसिद्ध ब्राह्मणों के ऐतिहासिक वैवाहिक स्थल सौराठ सभा में दूसरे दिन शनिवार को सन्नाटा छाया रहा. शनिवार होने के कारण एक भी विवाह का वर या वधू पक्ष से पंजिकार के यहां सिद्धांत पंजी बद्ध नहीं हो सका. जबकि प्रथम दिन शुक्रवार को सात लड़का और इतने ही लड़की के सिद्धांत का […]
मधुबनी : विश्व प्रसिद्ध ब्राह्मणों के ऐतिहासिक वैवाहिक स्थल सौराठ सभा में दूसरे दिन शनिवार को सन्नाटा छाया रहा. शनिवार होने के कारण एक भी विवाह का वर या वधू पक्ष से पंजिकार के यहां सिद्धांत पंजी बद्ध नहीं हो सका. जबकि प्रथम दिन शुक्रवार को सात लड़का और इतने ही लड़की के सिद्धांत का पंजी पंजिकार के यहां हुआ था.
पंजिकार पंडित विजय चंद्र मिश्र, पंडित प्रमोद कुमार मिश्र के यहां कमश: वर पक्ष से प्रथम पंजी नरार निवासी नवेंदु और कन्या पक्ष से परजुआर के घनश्याम झा, द्वितीय भरतपट्टी के सुबोध चौधरी व मरूकिया के विमल झा, तृतीय सौराठ के मणि कुमार व बरहारा के नारायणजी झा एवं कारथ के मोहन झा और मरूकिया के आशुतोष झा की पुत्री का सिद्धांत हुआ था. जबकि पंजिकार पंडित विश्व मोहन चंद्र मिश्र के यहां क्रमश: वर पक्ष के पोखरौनी के राजकुमार झा व कन्या पक्ष से सतलखा के रमण झा एवं नरही के मनोज झा व रखवाड़ी के कामेश्वर मिश्र की पुत्री का सिद्धांत हुआ था.
सफलता को ले कई संगठनों ने झोंकी ताकत
वर्षों से उदासीन मिथिलांचल के ब्राह्मणों को जागृत कर सौराठ सभा पहुंचकर सभा गाछी की खोयी अस्मिता को बचाने के लिए इस बार सभा लगने से पूर्व कई संगठनों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. हालांकि आज के उदासी का मुख्य कारण पंजिकार शनिवार का दिन होना बता रहे हैं. सौराठ सभा विकास समिति, अखिल भारतीय मिथिला राज्य जनसंघर्ष समिति, ब्राह्मण महासभा, मैथिल ब्राह्मण समाज सहित कई युवा संगठन के लोगों ने पिछले एक महीने के दौरान कई मैराथन बैठक कर लोगों को उत्साहित करने के लिए जनसंपर्क अभियान, रथ यात्रा, बाइक रैली आदि के माध्यम से कई कार्यक्रम चलाये थे. यथा सौराठ आउ, धरोहर बचाउ, पाग मार्च, पाग बचाउ, सौराठ आउ आदि कार्यक्रम चलाये थे.
सभा गाछी की सफलता के लिए प्रयत्नशील शेखर चंद्र मिश्र, मनोज कुमार मिश्र, सतीश चंद्र मिश्र, कृष्ण कांत झा गुड्डू, उमेश मिश्र, ज्योति रमण झा, शुभंकर झा, संजीव कुमार झा, पुर्णानंद झा, आशीष कुमार मिश्र, सुशील कुमार झा, विभाकर झा, अतुल मिश्र, दीपक कुमार झा ने बताया कि इस बार सभा गाछी के बचे शेष दिनों में भारी भीड़ जुटेगी. इन समाज सेवियों ने प्रशासन पर सौराठ सभा की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए सभा गाछी को अतिक्रमण मुक्त कर इस सांस्कृतिक धरोहर को बचाने की मांग की है.