टीबी लाइलाज नहीं : सीएस
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कार्यक्रम. बीमारी के लक्षण व इलाज पर कार्यशाला आयोजित
टीबी लाइलाज नहीं : सीएस मधुबनी : जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में बुधवार को सदर अस्पताल में टीबी बीमारी के लक्षण, उसके रोक थाम एवं बचाव के उपाय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में शिक्षा विभाग, सामाजिक कल्याण विभाग जिले के मदरसा के प्रधान मौलवियों ने भी हिस्सा लिया. एक दिवसीय कार्यशाला […]
मधुबनी : जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में बुधवार को सदर अस्पताल में टीबी बीमारी के लक्षण, उसके रोक थाम एवं बचाव के उपाय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में शिक्षा विभाग, सामाजिक कल्याण विभाग जिले के मदरसा के प्रधान मौलवियों ने भी हिस्सा लिया. एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते सिविल सर्जन डॉ. नरेंद्र भूषण ने टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है दवा की खुराक खाने से यह पूर्णत: ठीक हो जाता है.
डाट्स प्रणाली के तहत इसका इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है. कार्यशाला में वरिष्ठ चिकित्सकों ने टीबी बीमारी कैसे होता है इसके क्या लक्षण हैं इसकी जांच की क्या प्रक्रिया है व इसके उपचार कैसे किए जाए के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी गई.
रोग से बचाव के उपाय
यह सांधातिक रोग है. रोगी अपना पूर्ण इलाज करवा कर दूसरों को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है. रोगी को खांसते हुए अथवा छींकते समय मुंह को रूमाल कपड़ा से ढंक लेना चाहिए. जब कभी परिवार या आस पड़ोस में किसी व्यक्ति में टीबी का लक्षण दिखें तो तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल में जांच करावें. इसके रोक थाम के लिए बच्चों को जन्म के बाद बीसीजी का टीका लगवाएं.
किसी भी यक्ष्मा के रोगी को स्वास्थ्य कर्मी, आंगनबाड़ी या आशा के द्वारा डाट्स की दवा कराएं. कार्यशाला को एसीएमओ डॉ. अर्जुन प्रसाद, यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एसपी सिंह, डॉ. सीके सिंह, डॉ. निशांत, डॉ. विवेका नंद झा, डीएस डॉ. अजय नारायण, डीआईओ डॉ. एस झा, सहित कई चिकित्सक एवं पदाधिकारी उपस्थित थे.
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