साहरघाट : नेपाल में लंबे दिनों से चल रहे मधेसी आंदोलन पर अपने चरम सीमा पर पहुंच चुका है. नेपाल सरकार लगातार इनके आंदोलन को नजरअंदाज करते जा रहे है. इससे अब मधेसियों में उबाल आ चुका है. मधेसी आंदोलकारी अब क्रांतिकारी बन कर उभर रहा है. खासकर यह आंदोलन अब और सशक्त बनता जा रहा है. जिसका मुख्य कारण आंदोलन में मधेसी युवा की भागीदारी कहा जा सकता है.
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जनकपुर में दुकानों को कराया बंद
साहरघाट : नेपाल में लंबे दिनों से चल रहे मधेसी आंदोलन पर अपने चरम सीमा पर पहुंच चुका है. नेपाल सरकार लगातार इनके आंदोलन को नजरअंदाज करते जा रहे है. इससे अब मधेसियों में उबाल आ चुका है. मधेसी आंदोलकारी अब क्रांतिकारी बन कर उभर रहा है. खासकर यह आंदोलन अब और सशक्त बनता जा […]
बतातें चले कि आंदोलन को क्रांतिकारी बनाने के लिए मधेस के युवा अब इस आंदोलन को अपने हाथ में ले लिया है. ज्ञात हो कि नेपाल के धनुषा जिला स्थित जनकपुर में क्रांतिकारी युवाओं ने हाथ में लाठी लेकर सभी दुकानों को लाठी जुलूस के माध्यम से बंद करा जोरदार आंदोलन चलाया.
यह आंदोलन जानकी मंदिर परिसर से जनकपुर मधेसी मोर्चा के रवि शर्मा के नेतृत्व में चलकर जनक चौक , जीरो माइल, महावीर चौक , रामानंद चौक, पिरारी चौक व महाराज सागर का परिक्रमा करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाते हुए बारह बीघा परिसर में पहुंच यह जुलूस एक सभा में तब्दील हो गया. जहां संबोधित करते हुए जनकपुर मधेसी मोर्चा के श्री शर्मा ने कहा कि नेपाल सरकार अब हमलोगों का बहुत दमन कर लिये.
हमने नेपाल सरकार का सम्मान करते हुए उनके अत्याचार को बहुत बरदाश्त कर लिया. नेपाल सरकार ने हमपर लाठीयां बरसाई, हमें गोलियों से दागा, आसूं गैस से हमें लहुलुहान किया, हमसे हमारे मधेसियों भाइयों को छीना हमने बर्दाश्त कर अपने लड़ाई को लड़ा, पर अब यह लड़ाई कोई मामूली लड़ाई नहीं बल्कि एक क्रांतिकारी लड़ाई बन गया है. मौके पर ज्ञानु झा, राकेश विक्रम, धर्मवीर साह, संजय लामा, विभा ठाकुर, रेणु कुमारी, संजय साह व अजय ढकाल मौजूद थे.
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