मधुबनी : शहर के थाना चौक स्थित नगर परिषद के अशोक मार्केट की स्थिति जर्जर हो गयी है. मार्केट के लटकते छज्जे व इससे निकली सरिया बड़े हादसे का संकेत दे रही है. दरअसल 28 साल पहले 1987 ई. में तत्कालीन डीएम अशोक कुमार के कार्यकाल में थाना चौक के समीप 20 कमरे वाला दो मंजिले मार्केट का निर्माण कराया गया.
जिसे किरायेदारों को आवंटित कर दिया गया.
सवा तीन रुपये वर्ग फीट की दर से नप को 12 हजार प्रति महीना किराया प्राप्त होता है. निर्माण के बाद इसका रंग रोगन व मरम्मती नहीं किया जा सका. जिसके कारण मार्केट गिरने के कगार पर हैं. जिसे खाली करने के लिए विभाग ने चौथी बार नोटिस भेजा है. पर किरायेदार इसे खाली नहीं कर रहे हैं. बताया जाता है कि इतने कम किराये पर शहर में कहीं भी मकान नहीं मिलता.
चौथी बार भेजा गया नोटिस
जर्जर अशोक मार्केट के लिए विभाग ने समय-समय पर नोटिस जारी किया है. वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान विभाग दो बार नोटिस भेज चुका है. पर किरायेदार इसे अनदेखी कर रहे हैं. 25 अप्रैल 2015 को आयी विनाशकारी भूकंप ने मार्केट को कमजोर कर दिया. विभाग के अभियंताओं के निरीक्षण के बाद तत्काल इसे खाली करने को नोटिस जारी किया.
इसे अभी तक खाली नहीं कराया गया. विभाग ने पुन: दिसंबर माह में नोटिस जारी कर खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है. अब देखना है कि इस बार के नोटिस पर अमल होता है या नहीं.
निर्माण कार्य कर रहे किरायेदार
चौथी बार नोटिस जारी होने के बाद किरायेदार बिना किसी सूचना के छज्जा के निर्माण में जुट गये हैं. कुछ किरायेदार अपने अपने आगे के छज्जे की ढलाई करवा रहे हैं. इस मनमानी पर नगर परिषद सिर्फ नोटिस ही जारी कर पायी है. जबकि नियम के मुताबिक बिना आदेश प्राप्त किए इसमें कोई कार्य नहीं कराया जा सकता. वहीं सिर्फ कुछ भाग में निर्माण होने से मकान और कमजोर होती जा रही है.