नियमित कक्षा का संचालन करें प्रधान : पंकज वाटसन हाइस्कूल के सभागार में प्रधान शिक्षकों की बैठक मधुबनी. मैट्रिक परीक्षा नजदीक है. जिन विद्यालयों में सिलेबस पूरा नहीं हुआ है वहां के प्रधान विशेष कक्षाओं का संचालन कर छात्रों की परीक्षा की तैयारी पूरा करायें. उक्त बातें राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के जिला संभाग प्रभारी पंकज कुमार चौधरी ने वाटसन हाइस्कूल के सभागार में उच्च विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही. श्री चौधरी ने कहा कि गणित,भाषा या अन्य जिस किसी विषय की तैयारी अधूरी है उसे अविलंब पूरा करें. श्री चौधरी ने प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में मैट्रिक परीक्षा की तैयारी सुनिश्चित कराने के लिये प्रधानों को कहा. इसके लिये विशेषज्ञ शिक्षक की मदद लेने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रधान छात्रों के अभिभावकों से मिलकर तैयारी का जायजा लें. परीक्षाफल शत-प्रतिशत हो व अधिकांश छात्र प्रथम श्रेणी से मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्ण हों इसके लिये विशेष तैयारी कराने को कहा. कमजोर बच्चों की पहचान पर बल दिया गया. जिला संभाग प्रभारी श्री चौधरी ने 4 जनवरी 2015 को उच्च विद्यालयों में लुइब्रेल दिवस मनाने का निर्देश दिया. वही प्रधानों को इंसेटिव टू गर्ल्स योजना को सफल बनाने को कहा. साथ ही विज्ञान शिक्षा पर बल दिया. उन्होंने कहा कि गुणवत्ता शिक्षा से ही मैट्रिक का परीक्षाफल संतोषजनक हो सकता है. इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा के साधनसेवी भी उपस्थित थे. चुनौतियों से जूझ रहा जिले का 121 उच्च विद्यालय कैसे होगी मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी !मधुबनी. जिले के 121 सरकारी उच्च विद्यालय कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं. अधिकांश उच्च विद्यालयों में अभी तक सिलेबस पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में परीक्षार्थी असमंजस में हैं. परीक्षा मार्च 2016 में संभावित है. लगभग 58 हजार परीक्षार्थी 48 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देंगे. इसमें अधिकांश परीक्षार्थियों की शिकायत है कि शिक्षक व सुविधाओं के अभाव में उनकी परीक्षा की तैयारी अधूरी है. विषयवार शिक्षक नहीं अधिकांश उच्च विद्यालयों में विषयवार शिक्षक नहीं रहने के कारण कुछ विषयों की पढ़ाई ही नहीं हो सकी जिससे परीक्षा की तैयारी अधूरी रही. गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, संस्कृत, उर्दू के सभी शिक्षक उच्च विद्यालयों में नहीं रहने के कारण तैयारी प्रभावित रही. साईंस लैब व पुस्तकालय की भी समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्रों को काफी कठिनाई हुई है. कार्यालय में मंडराते रहते हैं शिक्षक अधिकांश विद्यालयों में कार्य की अधिकता बढ़ी है. रिपोर्टिंग ऑनलाइन होने के कारण काम का बोझ बढ़ा है. पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग के लिये दक्ष कर्मी नहीं रहने के कारण शिक्षक व हेडमास्टरों का माध्यमिक शिक्षा कार्यालय आना जाना लगा रहता है. बार बार हेडमास्टरों व शिक्षकों के कार्यालय आने के कारण उच्च विद्यालयों में अध्यापन कार्य प्रभावित होता है. उच्च विद्यालयों में लिपिक व परिचारी का पद रिक्त होने के कारण शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य करने के लिये मजबूर होना पड़ता है. राशि वितरण कार्यक्रम से पढाई प्रभावित जिस तेजी से उच्च विद्यालयों में छात्रवृत्ति,पोशाक,साइकिल आदि योजनाओं की राशि वितरित की जा रही है उससे विद्यालयों में पढाई प्रभावित हो रही है. वितरण व अभिलेख संधारण में काफी समय का अपव्यय शिक्षकों को करना पड़ता है. सामान्य बालक बालिका, अनुसूचित जाति बालक बालिका, पिछड़ा वर्ग आदि के राशि के निकासी,वितरण,अभिलेख संधारण में काफी समय व्यतीत होता है. जिसका प्रतिकूल असर पढाई पर पड़ता है. स्वतंत्र छात्रों की जांच से परेशानी शिक्षाविदों का कहना है कि माध्यमिक परीक्षा में स्वतंत्र छात्र छात्राओं के शामिल होने से काफी जटिलता होती है.आवास प्रमाण पत्र,जन्म प्रमाण पत्र,विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र , शपथ पत्र आदि की जांच डीईओ के स्तर से सूची बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भेजा जाता है. शिक्षाविदों का कहना है कि कुछ अभिभावक कम उम्र लिखाकर परीक्षा में अधिक उम्र के छात्र छात्रा शामिल होते हैं. उनका आरोप है कि इससे कदाचार की संभावना बनी रहती है. उन्होंने इसकी जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है. प्रस्वीकृति में हो पारदर्शिताजिले में कई स्थापना अनुमति,प्रस्वीकृति प्राप्त उच्च विद्यालयों में अधिकांश में पठन पाठन का कार्य नहीं होने का आरोप शिक्षाविद लगाते हैं. उनका कहना है कि फर्जीवाड़ा व भ्रष्टाचार रोकने के लिये ऐसे विद्यालयों की जांच विभागीय स्तर पर टीम गठित कराकर मानक के अनुसार संचालित उच्च विद्यालय को ही शिक्षा प्रदान करने की अनुमति दी जाय और शेष को बंद किया जाय. आरोप सही है या गलत यह तो शिक्षा विभाग ही बतायेगा पर शिक्षाविदों का आरोप गंभीर समस्या की ओर इशारा करता है. आरोप है कि मानक पर सही नहीं रहने वाले उच्च विद्यालयों के द्वारा सिर्फ नामांकन व परीक्षा में शामिल कराने का कार्य होता है. इससे भी नकल की संभावना बनी रहती है. क्या कहते हैं अधिकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार वर्मा का कहना है कि मैट्रिक परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. परीक्षा की तैयारी को लेकर प्रधान सचिव के निर्देश के आलोक में नियमित रूप से उच्च विद्यालयों को संचालित करने का आदेश दिया गया है. प्रधान सचिव के निर्देश का हर हाल में पालन किया जायेगा. कस्तूरबा की छात्राओं ने लहराया परचम छात्राओं को दे रही है कराटे का प्रशिक्षणबागवानी से गुलजार हुआ आवासीय बालिका विद्यालय मधुबनी. शहर के सहुआ गांव स्थित कस्तूरबा बालिका विद्यालय की छात्राओं ने सफलता का परचम लहराया है. इस विद्यालय की छात्राएं विभिन्न मध्य विद्यालयों में जाकर छात्राओं को कराटे का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्म सुरक्षा के लिये प्रेरित कर रही है. कक्षा सात की छात्रा ने दिखाया दम कक्षा सात की छात्रा खुशी कुमारी शहर से सटे मध्य विद्यालय लक्ष्मी सागर में कराटे का प्रशिक्षण प्रतिदिन छात्राओं को दे रही है. वहीं कक्षा आठ की छात्रा खुशी कुमारी फतेपुर मध्य विद्यालय में कराटे सिखा रही है. इसी विद्यालय की अन्नू कुमारी भिठ्ठी मध्य विद्यालय में और पूजा कुमारी उत्क्रमित मध्य विद्यालय सहुआ में कराटे की ट्रेनिंग छात्राओं को दे रही है. कस्तूरबा की पूर्णकालिक शिक्षिका सरिता कुमारी को इन बच्चियों पर नाज है. वे कहती हैं कि इन छात्राओं का चयन उनकी प्रतिभा व कौशल के आधार पर हुई है. इन छात्राओं ने केजीवीबी का नाम रौशन किया है. गुलाब के फूलों से सजा परिसरकस्तूरबा की छात्राओं ने वार्डेन दीपा कुमारी व शिक्षिका सरिता कुमारी के सहयोग से परिसर में गुलाब के फूल की बागवानी की जो अब रंग ला रहा है. लाल,पीले गुलाब के फूलों से परिसर गुलजार है. हुआ स्किल डिवलपमेंट प्रोग्राम कस्तूरबा विद्यालय सहुआ में कक्षा छह,सात व आठ की बालिकाओं को स्किल डिवलपमेंट का चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है. इससे छात्राओं में प्रसन्नता की लहर है. विभिन्न विषयों में छात्राओं का क्षमतावर्द्धन हुआ है. 74 बालिका हैं नामांकित केजीवीबी सहुआ में 74 बालिकाएं नामांकित हैं. इसमें 19 मूक बधिर हैं जो न बोल पाती है न सुन पाती है. इनके लिये विशेष प्रशिक्षण पिछले कई महीनों से चल रहा है. चहारदिवारी की उंचाई कमचहारदिवारी की ऊंचाई कम रहने से छात्राओं में रोष है. छात्राओं ने चहारदिवारी की ऊंचाई उपर करने की मांग डीइओ से की है. उन्होंने कक्षा 10 तक की पढ़ाई केजीवी व पीबी में सुनिश्चित कराने की मांग की है. अभी कक्षा आठ तक का ही पढ़ाई होता है. पूर्णकालिक शिक्षिकाओं व वार्डेन का मानदेय साल 2007 से नहीं बढ़ाये जाने के कारण इनमें उदासी है. जबकि बार बार सेवा नियमित करने व मानदेय की जगह वेतन देने की इन्होंने मांग सरकार से की है. क्या कहती हैं वार्डेन वार्डेन दीपा कुमारी व पूर्णकालिक शिक्षिका सरिता कुमारी ने कहा कि छात्राओं को पढ़ाने के साथ साथ उनके कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाता है. छात्राओं को कंप्यूटर की शिक्षा दी जा रही है.
नियमित कक्षा का संचालन करें प्रधान : पंकज
नियमित कक्षा का संचालन करें प्रधान : पंकज वाटसन हाइस्कूल के सभागार में प्रधान शिक्षकों की बैठक मधुबनी. मैट्रिक परीक्षा नजदीक है. जिन विद्यालयों में सिलेबस पूरा नहीं हुआ है वहां के प्रधान विशेष कक्षाओं का संचालन कर छात्रों की परीक्षा की तैयारी पूरा करायें. उक्त बातें राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के जिला संभाग प्रभारी […]
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