मधुबनी : जिला मुख्यालय सहित सभी भागों में बिना निबंधन के ही दुकान खुले हैं. बिना टिन नंबर के ही दुकान खोलकर ग्राहकों को दुकानदार चूना लगा रहे हैं. एक ओर जहां विभाग को राजस्व का चूना लग रहा है, वहीं उपभोक्ता भी ठगे जा रहे हैं. न तो उपभोक्ताआें को रसीद दी जाती है और न सामान की गुणवत्ता को लेकर ही कोई गारंटी रहती है. एक बार सामान खरीद कर उपभोक्ता अपने घर ले गये तो फिर उनके भाग्य से वह सामान भला हो या फिर बुरा.
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बिना निबंधन के ही खुल रहीं दुकानें
मधुबनी : जिला मुख्यालय सहित सभी भागों में बिना निबंधन के ही दुकान खुले हैं. बिना टिन नंबर के ही दुकान खोलकर ग्राहकों को दुकानदार चूना लगा रहे हैं. एक ओर जहां विभाग को राजस्व का चूना लग रहा है, वहीं उपभोक्ता भी ठगे जा रहे हैं. न तो उपभोक्ताआें को रसीद दी जाती है […]
यदि सामान खराब भी निकल गया तो उपभोक्ता दुकानदार के पास कोई शिकायत तक नहीं कर पाते हैं. नतीजा यह होता है कि दुकानदार साल दो साल में ही खराब सामान बेचकर जमकर राशि कमा रहे हैं.
7600 दुकान का ही है निबंधन
वाणिज्य कर विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मधुबनी अंचल में मात्र 7600 दुकानों का ही निबंधन है. जो विभाग को सालाना टैक्स का भुगतान करते हैं. एक आंकड़े के अनुसार जिला मुख्यालय में ही करीब 15 हजार के आस पास ऐसे दुकान हैं जिन्हें निबंधन के बाद ही खुला रहना चाहिए, लेकिन न तो दुकानदार कभी भी निबंधन कराने को पहल कर रहा है और न ही वाणिज्य कर विभाग ही इनके खिलाफ कभी कोई कारवाई करती हैं.
राजस्व का घाटा
जानकारों की मानें तो सालाना लाखों रुपये के राजस्व का चूना विभाग को लग रहा है. वहीं, उपभोक्ता भी छले जा रहे हैं. दुकानदार खुलेआम दुकान खोल कर अवैध रूप से
सामान की बिक्री कर रहे हैं. निबंधन कराने की कोई आवश्यकता ही
नहीं समझते़
क्या कहते हैं अधिकारी
वाणिज्य कर आयुक्त विनोद कुमार ने बताया है कि जिला मुख्यालय में कई दुकान बिना निबंधन के ही चल रहे हैं. जल्द ही इनके ऊपर कार्रवाई की जायेगी. दोषी पाये जाने पर उनके िखलाफ कार्रवाई भी की जायेगी.
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