मधुबनी : विगत पंद्रह साल में रामपट्टी गांव की सूरत ही बदल गयी है. मुख्य सड़क पर बने जर्जर कठपुलिया का स्थान नये उचें मजबूत पुल ने ले लिया है.
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रामपट्टी में ही अब हो जाते हैं बैंकिंग के काम
मधुबनी : विगत पंद्रह साल में रामपट्टी गांव की सूरत ही बदल गयी है. मुख्य सड़क पर बने जर्जर कठपुलिया का स्थान नये उचें मजबूत पुल ने ले लिया है. वहीं, श्रीगंज पर जाने वाली कीचड़ युक्त खरंजा के स्थान पर चौड़ी पीसीसी सड़क बन गया है. इससे लोगों के आवाजाही में अब कोई परेशानी […]
वहीं, श्रीगंज पर जाने वाली कीचड़ युक्त खरंजा के स्थान पर चौड़ी पीसीसी सड़क बन गया है. इससे लोगों के आवाजाही में अब कोई परेशानी नहीं होती. अब गांव के लोगों को न तो घरेलू गैस के लिए दूर जाने की जरूरत होती है और न ही बैंको के काम काज के लिए. दरअसल, इस गांव में ही अब गैस एजेंसी भी खुल चुका है.
साथ ही बाजार पर ही बैंक ऑफ इंडिया की नयी शाखा भी खुल गयी है. इससे अब लोगों को समय की बचत के साथ-साथ आसानी से कामों का निबटारा भी हो जाता है. समीप ही बाजार में दैनिक उपयोगी हर सामान उपलब्ध है. यह विकास विगत 15 साल में देखने को मिला है. 15 साल पूर्व बाजार थी, लेकिन इसका स्वरूप इतना विशाल नहीं था.
बनी सड़कें
पंद्रह साल पूर्व रामपट्टी के श्रीगंज टोल जाने में लोगों को काफी परेशानी होती थी. खास कर बरसात के समय में तो मानों इस गांव में जाने वालों को फजीहत ही हो जाती. संकरी सड़क, गोबर कीचर से युक्त. दिन में भी इस सड़क पर जाने में परेशानी होती, लेकिन अब यह स्थिति नहीं है. विगत दिनों विधायक रामदेव महतो के एच्छिक कोष से पीसीसी सड़क का निर्माण किया गया.
गांव में ही मिल रहा घरेलू गैस
पहले रामपट्टी के लोगों को मधुबनी या राजनगर जाकर घरेलू गैस का उठाव करना पड़ता था, लेकिन अब यह परेशानी नहीं है. अब इस गांव के लोगों को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती. गांव में ही घरेलू गैस मिल जाता है. इससे गांव में बहुत हद तक परेशानी दूर हो चुकी है.
शहर जाने की जरूरत नहीं
विगत पंद्रह साल में गांव के लोगों ने कई स्तर पर विकास के मंजिल तय किये हैं. इसमें बैंकिंग सेवा भी एक है. गांव के लोगों को पहले रुपये लेन देन के लिए या तो डाक घर का सहारा था या फिर वे जिला मुख्यालय आकर ही इस काम का निबटारा करते थे, लेकिन अब इस गांव के लोग अपने गांव में ही खुल गये बैंक में रुपये के लेन देन में काम करते हैं. बैंक ऑफ इंडिया की शाखा भी विगत साल किया गया है.
जर्जर पुलिया की जगह बना बेहतर पुल
इस गांव से होकर ही नदी की शाखा भी गुजरती है. विगत करीब पांच साल पूर्व तक इस नदी पर बने जर्जर पुल ही आवागमन का जरिया था. पुल ऐसा था कि लोग दिन में भी इस पर होकर चलने में डरते थे कि कब दुर्घटना का शिकार हो जायें, लेकिन अब ऐसा नहीं है. बेहतरीन सड़कें बन गयी है. साथ ही पुल का निर्माण भी किया गया है.
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